जयपुर: प्रदेश में बीते दो दिनों से मानसून की चाल धीमी होने के बाद भी कुछ इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। बीते दिन प्रदेश के भरतपुर संभाग में बारिश हुई। वहीं जयपुर समेत कई इलाकों में छुटपुट बूंदाबादी ने भी मौसम खुशनुमा बना दिया। अब जानकारी मिली है कि एक बार फिर राजस्थान राज्य पर मानसून मेहरबान होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार भी भारी बारिश की संभावना है। मानसून की नई चाल से फिर राजस्थान में जोरदार बारिश के आसार है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दो अगस्त बाद फिर एक नया मौसमी तंत्र विकसित होगा। जिसके बाद चार अगस्त से प्रदेश में फिर बरसात लौट आएगी। जो अगस्त महीने के पहले पखवाड़े तक जारी रहने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में फिर हल्की से मध्यम व कहीं कहीं भारी बारिश होगी। जिससे फिर कई इलाके जलमग्न होंगे। हालांकि इससे पहले भी प्रदेश में हल्की बारिश का क्रम जारी रहेगा। जो कुछ इलाकों में सोमवार को भी देखने को मिलेगी।
इन जिलों में आज हो सकती है बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार आज यानि सोमवार 1 अगस्त को राजस्थान के जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर संभाग में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि भारी बारिश की संभावना इस दौरान नहीं रहेगी।
मानसून 4 अगस्त से फिर पकड़ेगा रफ्तार
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार राजस्थान में मानसूनी गतिविधियों में कमी की वजह मानसून की ट्रफ का उत्तर की तरफ शिफ्ट होना है। स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार मानसून की ट्रफ दक्षिण से उत्तर में ट्रांसफर होने से बारिश की गतिविधियों में कमी आई है। मॉनसून की अक्षीय रेखा भारत के गंगा के मैदानी इलाकों पर अपनी सामान्य स्थिति में है। जिससे गुजरात और राजस्थान में बारिश में कमी हुई है। दो या तीन अगस्त तक दोनों राज्यों में मॉनसून कमजोर रहने की संभावना है। इसके बाद दक्षिण पश्चिम राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान के आसपास के हिस्सों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। जिससे राजस्थान और उसके बाद गुजरात में 4 अगस्त से बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती है।
राजस्थान में औसत से ज्यादा हुई बारिश
जुलाई 2022 में राजस्थान में जब मानसून जमकर बरसा और मानसून की बारिश ने पिछले 66 सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इस साल जुलाई महीने में राजस्थान में कुल 270 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो औसत 161.1 एमएम से करीब 67 फीसदी से ज्यादा रही। इससे पहले साल 1956 में राजस्थान में सबसे ज्यादा जुलाई महीने में 308.7 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।
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