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खड़गे को बधाई देने वाले विधायकों पर दिव्या मदेरणा का तंज, बोलीं- “काबा किस मुंह से जाओगे ‘ग़ालिब’, शर्म तुम को मगर नहीं आती”

Rajasthan Political Crisis: मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही राजस्थान कांग्रेस में फिर से सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस की तेजतर्रार विधायक दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देने पहुंचे मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को निशाने पर लिया। दिव्या मदेरणा […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Oct 20, 2022 12:53
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Congress MLA Divya Maderna
MLA Divya Maderna

Rajasthan Political Crisis: मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही राजस्थान कांग्रेस में फिर से सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस की तेजतर्रार विधायक दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देने पहुंचे मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को निशाने पर लिया। दिव्या मदेरणा ने तंज कसते हुए कहा कि हाईकमान के खिलाफ साजिश वाले लोग सबसे पहले हैं जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए हैं।

हालांकि दिव्या मदेरणा ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन अपने ट्विटर हेंडल से जो फोटो डाली हैं उनको देखकर यही समझ आता है की उनका निशाना 25 सितम्बर 2022 के दिन आलाकमान से बगावत करने वाले नेताओं पर है। बता दें, मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतने पर धर्मेंद्र राठौड़, धारीवाल और जोशी ने दिल्ली जाकर बधाई दी। इन तीनों नेताओं पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने का आरोप है।

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बता दें कि दिव्या मदरेणा ने ट्वीट कर तंज किया, “काबा किस मुंह से जाओगे ‘गालिब’, शर्म तुम को मगर नहीं आती। मतलबी दुनिया के रंग है। बेरंग करके लौटाने वाले रंगी फूलों का गुलदस्ता देते हुए। यह तो सर्वोच्च अवसरवाद की श्रेणी में आता है।”

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वहीं कल कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर लिखा था, “हाईकमान के खिलाफ साजिश रचने वाले लोग सबसे पहले है जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए। संयोग से खड़गे विधायक दल की बैठक का हिस्सा लेने जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षक में से एक थे। जिन्होंने बाद में अनुशासन समिति को एक लिखित रिपोर्ट सौंपी। जिसके आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।”

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दिव्या मदेरणा ने 25 सितंबर की घटना को जोड़ते हुए लिखा, “समय का फेर है। मिलने तक नहीं आए खड़गे के लाख बुलाने पर, विधायक दल की मीटिंग का बहिष्कार कर समानांतर मीटिंग की ओर यही मुख्य सचेतक और संसदीय कार्यमंत्री प्रतिनिधि बनकर आए तो खड़गे के सामने शर्त रखी की जो फैसला होगा वह 19 अक्टूबर के बाद होगा। हम सोनिया गांधी से मिलेंगे।” आगे उन्होंने समय को बड़ा बलवान बताते हुए ट्वीट किया था कि, “कभी घमंड न कीजिए, समय बड़ा बलवान। किए रंक राजा कई, निर्धन को धनवान।”

उल्लेखनीय है कि बीते महीने राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे के मुख्य सूत्रधार होने के आरोप इन दोनों नेताओं पर लगे थे जहां पर्यवेक्षक बन जयपुर आए खरगे को खाली हाथ लौटना पड़ा था और गहलोत गुट के विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद खड़गे और अजय माकन को बिना मीटिंग के जयपुर से लौटना पड़ा था। खड़गे और माकन ने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंपी थी, इसके बाद पार्टी की अनुशासन समिति ने नोटिस भेजा था, जिसमें राज्य के तीन नेताओं पर “घोर अनुशासनहीनता” का आरोप लगाया गया था।

इस घटनाक्रम के बाद से ही दिव्या मदेरणा लगातार गहलोत गुट पर हमलावर हैं और खुद को आलाकमान गुट का बताती रही हैं।

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Nirmal Pareek

First published on: Oct 20, 2022 12:00 PM
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