झुंझनू: राजस्थान के झुंझुनू जिले से प्रेरणादायक खबर सामने आ रही है। झुंझुनूं के सूरजगढ़ कस्बे के एक परीक्षा केंद्र में जेएम कॉलेज से बीएड की पढ़ाई कर रही लक्ष्मी ने डिलीवरी से 6 घंटे पहले और उसके 15 घंटे बाद लगातार दो घंटे तक परीक्षा दी। लक्ष्मी के परीक्षा देने के जज्बे के आगे प्रसव का दर्द भी उसका हौंसला नहीं तोड़ पाया।
बताया जा रहा है कि डिलीवरी के महज 15 घंटे बाद लक्ष्मी दूसरा पेपर देने सेंटर पर पहुंच गई। वहीं डिलीवरी से 6 घंटे पहले उसने एक एग्जाम दिया था। इसके अलावा बेटी को जन्म देने के बाद उसने दूसरे पेपर की तैयारी अस्पताल में की और रातभर पढ़ती रही।
धौलपुर जिले बेवली गांव की लक्ष्मी ने एक दिन पहले ही सूरजगढ़ के सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। वह एम्बुलेंस से परीक्षा केन्द्र पहुंची। वहां प्राचार्य डॉ.रवि शर्मा ने उसकी पीड़ा को देखते हुए उसे एम्बुलेंस में ही परीक्षा देने की अनुमति दी और व्यवस्था कराई। इस पर महिला ने एम्बुलेंस में लेटे-लेटे परीक्षा दी।
जानकारी के अनुसार, डिलीवरी के महज 15 घंटे बाद ही बुधवार को लक्ष्मी करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित सेंटर पर पहुंच गई और वहां एग्जाम दिया। वहीं लक्ष्मी के पति श्यामलाल मीणा ने डिलीवरी के बाद सेंटर सुपरिनटेंडेंट से बात की जिसके बाद लक्ष्मी को एंबुलेंस में ही लेटकर परीक्षा देने की मंजूरी दी गई। बता दें कि लक्ष्मी ने मंगलवार को भी एंबुलेंस से ही परीक्षा दी थी।
गौरतलब है कि परीक्षा देने के लिए लक्ष्मी के अलावा अन्य कई महिलाओं का जज्बा देखने को मिला जहां इसी सेंटर पर सोनू शर्मा और सरिता ने भी एग्जाम दिया। जानकारी के मुताबिक सोनू ने 4 दिन पहले ही नवजात को जन्म दिया जिसके बाद सेंटर पर उसके परीक्षा देने के लिए अलग से पलंग लगाया गया। वहीं बुहाना के थली गांव की रहने वाली सरिता की 3 दिन पहले डिलीवरी हुई थी जिन्होंने कार में बैठकर पेपर दिया।