Rajasthan Hindi News: कैंसर से लड़ रहे श्वेतांबर जैन समाज के भव्य ने गुरुवार को सवा 6 घंटे तक संथारा लेने के बाद प्राण त्याग दिए। शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
डाॅक्टरों ने किया बचने की संभावना से इंकार
भव्य ने गुरुवार दोपहर 1ः30 बजे संथारा लिया और गुरुवार रात 8ः15 बजे प्राण त्याग दिए। देह त्यागने से पहले भव्य अपनी मां एकता से बोले-मां रोना मत, हंस कर विदा करना। इससे पहले जेएलएन अस्पताल के डाॅक्टरों ने उनके बचने की संभावना से इंकार कर दिया था। इसके बाद भव्य को घर लाया गया। भव्य पूर्व में ही परिवार के आगे संथारा की इच्छा जता चुके थे।
शुरुआत से ही धार्मिक प्रवृति का रहा है परिवार
परिवार से जुड़े एडवोकेट सूर्य प्रकार गांधी ने बताया कि परिवार की जैन धर्म में गहरी आस्था है। महावीर चंगेरिया की बुआ मनोहर कंवर भी साध्वी हैं। पूरा परिवार शुरू से ही आध्यात्मिक प्रवृति का रहा है।
पिता व परिजन बोले- बेटे पर गर्व
पिता महावीर चंगेरिया ने बताया कि भव्य उनका 11 साल का इकलौता बेटा था। 2019 मैं उसके सिर में ट्यूमर हो गया। परिवार ने अहमदाबाद सहित अन्य कई शहरों में उपचार करवाया मगर सफलता नहीं मिली। दादा नौरतमल, दादी ज्ञान कंवर, पिता महावीर तथा मां एकता ने भव्य के फैसले पर गर्व किया।