के जे श्रीवत्सन, सीकर: देश के प्रमुख तीर्थ स्थल खाटूश्याम जी में एक बार फिर से कुप्रबंधन की भेंट चढ़ गई तीन जिंदगियां। एकादशी की सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुलते ही अचानक भगदड़ मच गई। तीन महिलाओं की दबकर मौत हो गई। लेकिन तीन श्रद्धालुओं की मौत ने खड़े कर दिए कई ऐसे सवाल, जिनका जवाब न मंदिर ट्रस्ट के पास है न ही पुलिस प्रसाशन के पास।
यह पहला मौका नहीं है जब लापरवाही के चलते आस्था के इस स्थल में श्रद्धालुओं की मौत हुई। लिहाज़ा भक्तों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में मंदिर प्रसाशन के खिलाफ काफी आक्रोश है, लिहाज़ा स्थानीय विधायक मंदिर प्रसाशन के खिलाफ कारवाई करने और मंदिर को देवस्थान विभाग को सौंपने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं।
खाटू नरेश वो तीर्थ स्थल है जहां सेकड़ों मील दूर से चलकर अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर के कुप्रबंधन और पुलिस प्रसाशन के चलते तीन भक्तों की दर्दनाक मौत हो गई। आज सुबह पैट खुलने के साथ ही जयघोष की बजाय मंदिर प्रांगन चीख-पुकारों से गूंज गया। चारों तरफ अफरा तफरी मच गई। दर्शन के लिए लाईन में खड़े दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए जिनमे से तीन को जयपुर रेफर करना पड़ा।
घटना के दौरान पुलिस प्रसाशन नदारद था
जानकारी के मुताबिक अलसुबह हुई इस दर्दनाक घटना के दौरान पुलिस प्रसाशन नदारद था। हादसे के वक़्त गेट से बाहर करीब एक लाख लोग मौजूद थे, जो की देर रात से ही श्रद्धालु लाइन में लगे थे। ऐसे में जैसे ही सुबह मंदिर के पट खुले, भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। मंदिर प्रसाशन के प्रबंध भक्तों की भीड़ की तुलना में नाकाफी ही साबित हुए। एकादशी में भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस अमला तैनात नहीं किया गया था। इस लापरवाही पर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने खाटू SHO रिया चौधरी को सस्पेंड कर दिया है।
खाटू में हर महीने एकादशी पर मेला लगता है
जयपुर से करीब 80 किमी दूर सीकर जिले में खाटूश्याम का मंदिर है। यहां हर महीने एकादशी पर मेला लगता है, जिसमें देशभर से लाखों भक्त शामिल होते हैं और खाटूश्याम जी के दर्शन करते हैं। श्याम बाबा को “हारे का सहारा” कहा जाता है। इसी वजह से हर रोज की तुलना में एकादशी पर बाबा के भक्तों की संख्या काफी अधिक होती है।
दरअसल रात भर से भक्तों की लम्बी कतार लगी होती है। लाखों श्रद्दालु मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर मौजूद थे। मंदिर प्रसाशन को भी इसका अंदाज़ा था लेकिन भक्तों की आस्था के चलते करोडो रूपये का चढ़ावा लेने वाला मंदिर प्रसाशन ने अतिरिक्त इंतजामातों को पूरी तरफ से नज़रन्दाज़ ही कर दिया। यही वजह है की विपक्षी पार्टी भाजपा बल्कि कांग्रेस सरकार के विधायक ही मंदिर प्रसाशन के खिलाफ खुले आम सामने आकर धरने पर बैठ गए हैं। वे चाहते हैं की अव्यस्थाओ को रोकने के लिए मंदिर को देवस्थान विभाग के अधीन दिया जाए, ताकि भक्तों को बेहतर व्यवस्थाएं मिल सकें।
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान
वहीं राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि, ‘एकादशी पर बहुत भीड़ होती है, खाटू श्यामजी को कलयुग के भगवान् के रूप में पूजा जाता है। सब इस बात को जानते हैं की कुम्भ हो या हज सभी जगह भगदड़ मचती है। खाटूश्यामजी में भी मच गयी। प्रसाशन की कोशिश इन्हें रोकने की होती है। मैं भक्तों से अपील करूंगा की वे एकादशी पर ही ना जाए अन्य दिन भी जाए। मैं भी बाबा का भक्त हूँ लेकिन भीड़ वाले दिन उनके दरबार में नहीं जाता। लोग शांति व्यवस्था बनाए रखे।
इस हादसे को लेकर जयपुर शहर के सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, लसरकार के केबिनेट मंत्री का कहना है की हादसे अक्सर हो जाते हैं। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने घटना को दुखदायी तो बताया, लेकिन प्रबंधन सुधारने की बात कहने की बजाय बजाय उलटा भक्तों को ही नसीहत दे डाली।
मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा
बहरहाल राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। संभागीय आयुक्त से घटना की जांच के भी आदेश दिए हैं। लेकिन हर महीने दो बार ग्यारस तिथि पर खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए लाखों लोगों के दर्शनों के लिए उमड़ने के बावजूद भी आम भक्तों की तुलना में VIP के लिए ही मंदिर प्रसाशन द्वारा पलक पावडे बिछाना कईं सवाल भी खड़े कर रहा है। इससे भी बड़ा सवाल तो यह भी है की जोधपुर के मेहरानगढ़ हादसे के बाद भी अब तक सरकार ने धार्मिक स्थलों और मेले आयोजनों को लेकर क्यों कोई बड़ा सबक नहीं लिया।