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फिल्म देखकर मिला ठगी का आइडिया, QR कोड से छेड़छाड़ कर लोगों को ऐसे लूटता था

QR Code Scam: दिल्ली साइबर पुलिस ने QR कोड से छेड़छाड़ कर लोगों को ठगने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. पुलिस की टीम ने राजस्थान से 19 साल के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. आरोपी से जब पुलिस ने पूछताछ की तो वो खुद हैरान रह गई. उसने बताया कि वो किस तरह लोगों को ठगता था.

Author Written By: Varsha Sikri Updated: Dec 23, 2025 13:03
Delhi QR Code Scam
Credit: News 24 GFX

साइबर ठग हर दिन लोगों को लूटने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं. वो एक ही झटके में किसी की जीवनभर की पूंजी साफ कर देते हैं. ऐसे ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है.
दिल्ली साइबर पुलिस ने QR कोड से टैंपरिंग के जरिए लोगों को लूटने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. 19 साल के आरोपी पर 1 लाख 40 हजार की ठगी का केस को दिल्ली साइबर पुलिस ने राजस्थान से पकड़ा.

क्या है पूरा मामला?

पुलिस को मास्टरमाइंड के पास से 100 से ज्यादा एडिटेड और ओरिजिनल QR कोड ,मोबाइल फोन, चैट्स, स्क्रीनशॉट,बैंक ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड बरामद किए हैं. दरअसल 13 दिसंबर 2025 को एक ग्राहक चांदनी चौक की एक मशहूर दुकान पर लहंगा खरीदने पहुंचा था. पैमेंट करने के लिए उसने 2 बार QR कोड स्कैन किया. कस्टमर ने पहले 90 हजार और फिर 50 हजार ट्रांसफर किए. बाद में दुकानदार को पता चला कि उसके खाते में ये पैसे आए ही नहीं. शॉप के मालिक ने कस्टमर को जब ये बात बताई तो वो परेशान हो गया, जिसके बाद उन्होंने ऑनलाइन FIR दर्ज करवाई. साइबर पुलिस ने इस मामले पर तुरंत एक्शन लेते हुए छानबीन शुरू कर दी. उन्होंने दुकान के मालिक, कर्मचारियों और शिकायतकर्ता से बात की और आखिरकार आरोपी को धर दबोचा.

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फिल्म से मिला क्राइम का आइडिया

आरोपी ने पूछताछ में ये खुलासा किया कि उसे QR कोड से छेड़छाड़ कर पैसे डायवर्ट करने का आइडिया एक साउथ इंडियन फिल्म Vettaiyan से मिला था. फिल्म में दिखाए गए कॉन्सेप्ट को आरोपी ने मोबाइल इमेज एडिटिंग ऐप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद से असल जिंदगी में लागू किया. सबसे पहले उसने दुकानों के असली QR कोड जुटाए, फिर आरोपी ने फिल्म के आइडिया को कॉपी करते हुए QR कोड को एडिट किया. कोड का लुक वही था, लेकिन आरोपी ने उसे अपने बैंक अकाउंट से जोड़ दिया. दुकान पर कोई ग्राहक जब भी पैमेंट करता था, तो वो पैसा ठग के खाते में पहुंच जाता था.

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First published on: Dec 23, 2025 12:58 PM

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