Punjab CM Bhagwant Mann: पंजाब CM भगवंत मान ने जहां पूरन कुमार को परिजनों को सांत्वना दी, वहीं हरियाणा सरकार से पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की अपील भी की. उन्होंने पूरन कुमार की मौत को समाज के मुंह पर तमाचा बताते हुए कहा कि पीड़िता परिवार को सहानुभूति नहीं इंसाफ चाहिए. घर के मुखिया की अचानक मौत होने से पूरा परिवार टूट गया है.
आरोपियों पर कार्रवाई करने की अपील की
पंजाब CM ने कहा कि हरियाणा सरकार को उन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिनके नाम पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखे थे. उम्मीद है कि सरकार अपने चहेतों को बचाने के लिए कानून के नियमों की अवहेलना नहीं करेगी. पूरन कुमार की मौत एक त्रासदी नहीं है, बल्कि भारतीय समाज के पूर्वाग्रहों का आइना है. अगर समाज की रक्षा करने वाले पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को अपनी गरिमा की दुहाई देनी पड़े तो आम आदमी इस पुलिस विभाग से क्या उम्मीद रख सकता है? पीड़ितों को इंसाफ दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है.
घटना के दलित समुदाय पर हमला बताया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दलित समाज के अधिकारियों को टारगेट करना साजिश है. कमजोर वर्ग से आने वाले उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों को परेशान करना साजिश है. फिर इन पढ़े-लिखे अफसरों को इंसाफ के लिए गुहार लगानी पड़ती है. पूरन कुमार के साथ जो हुआ, वह दलित समुदाय पर हमला है, क्या गरीब को बड़ी कुर्सी, बड़े पद का सपना देखने की इजाजत नहीं है. कमजोर वर्ग के लोगों के प्रति अत्याचारों और आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है. पूरन कुमार के साथ जो हुआ और फिर उन्हें जो करना पड़ा, यह संस्थागत भेदभाव का उदाहरण है.
खुद को गोली मारकर की थी सुसाइड
बता दें कि हरियाणा के DGP रहे 2001 बैच के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार ने गत 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में ही खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था. उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने हरियाणा के ही 10 से ज्यादा IPS-IAS अफसरों पर जातिगत भेदभाव करने, उत्पीड़न और अपमान करने का आरोप लगाया था. घटना के समय पूरन की पत्नी IAS पी अमनीत कौर मुख्यमंत्री के साथ जापान टूर पर थीं. वहीं करीब एक हफ्ते बाद पोस्टमार्टम कराकर पूरन कुमार का अंतिम संस्कार किया गया था.










