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पंजाब के सरकारी स्कूलों को रोज रखना होगा गैर हाजिर स्टूडेंट्स का हिसाब; संख्या घटी तो इन अफसरों की होगी जिम्मेदारी

Punjab Government On Students Counting in Schools, चंडीगढ: पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों को अलग-अलग लिंक भेजे हैं। इन पर स्कूल प्रशासन को लंबे समय तक गैर हाजिर रहने वाले छात्रों की संख्या […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 7, 2023 17:36
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Punjab Government On Students Counting in Schools, चंडीगढ: पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों को अलग-अलग लिंक भेजे हैं। इन पर स्कूल प्रशासन को लंबे समय तक गैर हाजिर रहने वाले छात्रों की संख्या और उनकी जानकारी डेली अपलोड करनी होगी। अगर कहीं विद्यार्थियों की संख्या घटती है तो उसके लिए संबंधित जिले के शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी।

दरअसल, हाल ही में कुछ दिन पहले एक घोषणा की गई थी, जिसके मुताबिक अगर सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या घटती है तो इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। जहां तक इसके कारण की बात है-कुछ छात्र सरकारी स्कूल छोड़कर दूसरे स्कूलों में दाखिला तो ले लेते हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड से अपना नाम नहीं हटवाते। अब प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की संख्या पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। इस फैसले के तहत शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को अलग-अलग लिंक भेजे हैं। विभाग की ओर से भेजे गए इस लिंक में लंबे समय से गैर हाजिर रहने वाले छात्रों की संख्या और उनका विवरण अपलोड करना होगा।

विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विद्यार्थियों की रोजाना उपस्थिति ई-पंजाब पोर्टल पर अपलोड की जाए। विभाग को पारदर्शी तरीके से पता होना चाहिए कि किस गांव या शहर से कितने छात्र प्रतिदिन स्कूल आ रहे हैं। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को इसका नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। अब प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की संख्या पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विनय बुबलानी ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है। उन्होंने बताया कि छात्रों के स्कूल छोड़ने और लंबे समय तक गैर हाजिर रहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित विभागों से जवाब तलब किया था। इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक हलफनामा दायर कर इन प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए अनुरोध किया है।

उधर, यह बात भी बता देने वाली है कि राज्य का पहला स्कूल ऑफ एमिनेंस 13 सितंबर को बनकर तैयार हो जाएगा, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री भगवंत मान करेंगे। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद पंजाब के पहले स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन करने जा रहे हैं।

First published on: Sep 07, 2023 05:34 PM
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