चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा पेश बजट को शिक्षा क्षेत्र में बेमिसाल बदलावों का रास्ता साफ करने वाला बताते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बजट में स्कूल शिक्षा, ऊच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता दी है, जिसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बधाई की पात्र है।
12 प्रतिशत की वृद्धि हुई
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के दूसरे बजट में शिक्षा के क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है और इसमें बीते वर्ष 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार पंजाब बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता के योग्य बनाने के लिए स्कूलों के बुनियादी ढांचे की कायाकल्प करने के लिए चोखे फंड रखे हैं। कैबिनेट मंत्री ने विस्तार सहित बताया कि बजट में स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 2847 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है, जबकि ऊच्च शिक्षा के लिए 186 करोड़ रुपए और तकनीकी शिक्षा के लिए 103 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जिसके लिए सरकार बधाई की पात्र है।
प्रति विद्यार्थी 2000 रुपए देने की योजना
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की देखभाल के लिए 99 करोड़, अध्यापक/स्कूल प्रमुखों/शिक्षा प्रबंधकों के कौशल विकास के कार्यक्रम के लिए 20 करोड़ रुपए, स्कूल ऑफ ऐमीनैंस के लिए 200 करोड़, ओ.बी.सी. विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए 18 करोड़ रुपए, एस.सी. विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक 60 करोड़ रूपए, पंजाब युवा उद्यमी कार्यक्रम के अंतर्गत शुरुआती पैसे के तौर पर प्रति विद्यार्थी 2000 रुपए देने की योजना के लिए 30 करोड़, सरकारी स्कूलों में सोलर पैनल सिस्टम लगाने के लिए 100 करोड़, सरकारी स्कूलों में चारदीवारी समेत बुनियादी ढांचे की अपग्रेडेशन के लिए 324 करोड़ रुपए, मिड डे मील के लिए 456 करोड़ रूपए, समग्र शिक्षा अभियान के लिए 1425 करोड़ रूपए, प्री-प्राईमरी कक्षाओं के विद्यार्थियों को वर्दियों के लिए 25 करोड़ रूपए और स्कूलों की मरम्मत समेत रखरखाव और मुफ़्त किताबों के लिए 90 करोड़ रुपए रखे गए हैं।