राहुल पांडेय, मुंबई: मुंबई में हलाल और झटका फूड विवाद के बीच पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA ) ने एशिया और भारत के सबसे बड़े देवनार कत्लखाने में जानवरों के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया है। अपनी इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट में पेटा की और से कहा गया है कि देवनार बूचड़खाने में जानवरों को कुर्बानी के लिए गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से लाया जाता है। लेकिन यहां पशुओं के खिलाफ क्रूरता, गंदगी और पशु संरक्षण कानून का बड़े पैमाने पर उलंघन हो रहा है। जिस अवधि में पेटा ने जांच की उस समय कत्लखाने में 1.45 लाख बकरियों एवं 10000 भैसों का व्यापार किया जा रहा था।
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पेटा को सर्वे में क्या मिला ?
PETA का दावा है कि देवनार बूचड़खाने में पेटा की जांच में पाया गया कि वहां भैंसों को बिना बेहोश के मौत के घाट उतारा जा रहा है और बैलों की चमड़ी निकालने से पहले उनकी जांच भी नही की जा रही है। जानवरों को बड़ी बेहरमी के साथ ट्रकों से खींचकर बाहर निकाला जाता है, इस दौरान पशुओं को गंभीर चोट लग जाती है। इसके अलावा दुकानदर जानवरों को आपस में लड़ाने के लिए उकसाते हैं। पेटा इंडिया की मैनेजर डॉ किरण आहूजा ने कहा कि मांस का सेवन और चमड़े का उपयोग करने वाले पशुओं के साथ होने क्रूरता का समर्थन करते हैं। हमने देवनार में इसके पहले भी इन्वेस्टीगेशन किया था, तब बीएमसी कमिश्नर से लेकर महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन कुछ भी कदम नही उठाए गए। हमने दुबारा इस संबंध में लेटर लिखा है और आशा करते हैं कि पशुओं के हित के लिए कुछ कदम उठाए जाएंगे।
मरता जानवर ही है
हलाल और झटका फ़ूड विवाद पर डॉ ने कहा कि हलाल हो या फिर झटका जान तो दोनों तरीके से जानवर की ही जाती है। हम तो इसे बंद करने की मांग कर ही रहें है। क्योंकि जानवर को किसी भी तरीके से नही मरना होता है। हम लोगों से भी अपील करते हैं कि मांसाहारी सेवन से बचे।
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