Mumbai News: महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति पर चुटकी ली है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जो लोग मंत्री बनने की इच्छा रखते थे। वे अब दुखी हैं, क्योंकि भीड़ बहुत हो गई है। उन्हें अब नहीं पता कि उन्हें अपने सिले हुए सूट का क्या करना चाहिए।
नागपुर विद्यापीठ शिक्षण मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने भूटान के प्रधान मंत्री द्वारा प्रस्तावित घरेलू खुश मानव सूचकांक की अवधारणा का उल्लेख किया। गडकरी ने कहा कि ज्यादातर लोग कभी खुश नहीं होते हैं।
गडकरी ने बताया खुश रहने का मंत्र
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति यह स्वीकार करता है कि मुझे मेरी योग्यता से अधिक मिला है तो वह व्यक्ति खुश और संतुष्ट हो सकता है। अन्यथा, नगरसेवक नाखुश हैं क्योंकि वे विधायक नहीं बने। विधायक नाखुश हैं क्योंकि वे मंत्री नहीं बने और मंत्री असंतुष्ट रहते हैं क्योंकि उन्हें अच्छा मंत्रालय नहीं मिला।
गडकरी ने कहा कि और अब जो मंत्री बनने वाले थे, वे यह सोचकर नाखुश हैं कि क्या उनकी बारी कभी आएगी। इतनी भीड़ हो गई है। उनकी इस बात पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।
हॉल की बढ़ सकती है क्षमता, मगर आकार नहीं
गडकरी ने हल्के-फुल्के अंदाज में अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि वे (शपथ ग्रहण समारोह के लिए) सूट सिलवाकर तैयार थे। अब सवाल यह है कि उस सूट के साथ क्या किया जाए। गडकरी ने आगे कहा कि जिस हॉल में कार्यक्रम हो रहा था उसकी क्षमता 2200 थी और इसमें बहुत सारे लोग बैठ सकते हैं, लेकिन मंत्रालय का आकार नहीं बढ़ाया जा सकता है।
2 जुलाई को अजित पवार ने की बगावत
दरअसल, अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट 2 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गया। अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है। तब से विपक्षी नेता दावा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उसकी सहयोगी भाजपा के विधायकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है क्योंकि उनकी मंत्री पद की महत्वाकांक्षाएं विफल हो गई हैं।
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