Muzaffarnagar School Video: यूपी पुलिस ने मुजफ्फरनगर वायरल वीडियो मामले में फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में पुलिस ने आरोप लगाया कि फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर लड़के की पहचान उजागर कर दी है।
पुलिस ने जुबैर पर किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को छह महीने तक की कैद या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। बेंगलुरु में रहने वाले जुबैर ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया में एफआईआर के बारे में पता चला और उन्होंने इस संबंध में अपने वकील से बात की है। जुबैर ने कहा कि अभी-अभी ट्विटर पर साझा की गई एफआईआर देखी है मुझे उसमें केवल मेरे नाम का जिक्र किया है।
मेरे अलावा और भी लोगों ने शेयर किया था वीडियो
जुबैर ने कहा कि मुझसे पहले भी कई बार यह वीडियो अलग-अलग हैंडल से ट्वीट किया गया था। लेकिन उनका नाम इस FIR में नहीं है। हालांकि शेयर करने के तुरंत बाद मैंने यह वीडियो हटा दिया क्योंकि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट कर कहा कि लड़के की पहचान उजागर ना करें। जुबैर ने इसके तुरंत बाद ट्वीट किया था कि वीडियो हटा दिया है क्योंकि NCPCR चाहता था कि लोग ऐसा करें।
पुलिस बोली- हमारी जांच जारी
जुबैर के खिलाफ यह FIR मुजफ्फरनगर के विष्णुदत्त की शिकायत पर दर्ज की गई थी। जहां स्कूल स्थित है। सोमवार को विष्णुदत्त ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराते हुए कहा कि एक वायरल वीडियो में मेरी जानकारी में आया है कि ऑल्टन्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर ने पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है। जो कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों के अधिकार का उल्लंघन है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया कानूनी कार्रवाई करें।
वहीं मामले में सीओ रविशंकर मिश्रा ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर हो गई है। इस संबंध में उसी गांव के विष्णुदत्त ने मामला दर्ज करवाया है। हमारी जांच जारी है।
यह है मामला
बता दें कि मुजफ्फरनगर में स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में शनिवार को शिक्षिका ने एक छात्र को अन्य छात्रों से पिटवाया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए स्कूल को सीज कर दिया। वहीं पुलिस ने शिक्षिका तृप्ता त्यागी पर आईपीसी की धारा 323 और 504 के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और जानबूझकर गलत इरादों से किसी का अपमान करने का मामला दर्ज किया था।