Vasant Rao Chavhan News: लोकसभा चुनाव 2024 में नांदेड़ सीट से बीजेपी नेता और पूर्व सांसद प्रताप पाटिल चिखालिकर को धूल चटाने के बाद वसंत राव चव्हाण ने अशोक चव्हाण पर निशाना साधा था। वसंत राव ने कहा था कि अगर अशोक चव्हाण बीजेपी में नहीं जाते तो मुझे चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिलता, और न मैं सांसद बन पाता। मुझे उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।’
वसंत राव का ये बयान बताता है कि 2024 के चुनाव में उनके सामने किस तरह की चुनौतियां थीं, अशोक चव्हाण कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री थे, पार्टी का चेहरा थे और नांदेड़ में उनका सिक्का चलता था। ऐसे में जब वे बीजेपी में गए तो नांदेड़ में कांग्रेस एकदम हल्की पड़ गई। संगठन कमजोर हो गया। ऐसे समय में वसंत राव चव्हाण ने नांदेड़ में कांग्रेस का मोर्चा संभाला।
Maharashtra Congress president Nana Patole tweets, “The news of the demise of a senior leader of Congress party, MP of Nanded Lok Sabha Constituency Vasantraoji Chavan is very shocking. He always remained loyal to the Congress party even in adverse conditions and brought the idea… pic.twitter.com/N6LliKpkq3
— ANI (@ANI) August 26, 2024
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55 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी को हराया
लोकसभा चुनावों के दौरान ही वसंत राव की तबीयत ठीक नहीं थी। बावजूद इसके वसंत राव चुनावी मैदान में उतरे और नांदेड़ से बीजेपी के चिखालिकर को 55 हजार से ज्यादा वोट से हराकर अपने विपक्षियों को चुप करा दिया। नांदेड़ में मुस्लिम वोटरों की एक बड़ी संख्या है। वहीं मराठा और दलित वोट भी निर्णायक स्थिति में हैं।
दो बार विधायक और 1 बार एमएमलसी रहे वसंत राव चव्हाण निजी तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अशोक चव्हाण के कांग्रेस में रहते हुए उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती थी। 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद तो वह सार्वजनिक जीवन से लगभग बाहर ही गए थे। खराब सेहत महीने में एक बार उन्हें अस्पताल का चक्कर लगवा ही देती, जाहिर है कि स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता था।
अशोक चव्हाण का पाला बदलना
2024 की फरवरी में जब अशोक चव्हाण ने पाला बदला और बीजेपी में चले गए तो नांदेड़ में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हो गई। लीडरशिप का अभाव इतना था कि नांदेड़ से चुनाव कौन लड़ेगा, यह संकट आ गया था। वसंत राव के बेटे रवींद्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा था कि हमें विश्वास था कि आम वोटर कांग्रेस के साथ है। कुछ नेता अशोक चव्हाण के साथ बीजेपी में चले गए थे। लेकिन ग्रामीण इलाकों का कार्यकर्ता कांग्रेस के साथ था। जब कांग्रेस पार्टी ने वसंत राव चव्हाण से चुनाव लड़ने को कहा तो एक बार भी नहीं सोचा।
नांदेड़ में चुनाव जीतना आसान नहीं था, ज्यादातर नेता अशोक चव्हाण के साथ चले गए थे। बीजेपी की ग्राउंड पर पकड़ थी। लेकिन वसंत राव चव्हाण ने हिम्मत नहीं हारी। मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में चले मराठा आंदोलन, अशोक चव्हाण के खिलाफ जनाक्रोश और खेती की समस्या ने वसंत राव के पक्ष में माहौल बना दिया।
वसंत राव चव्हाण का जन्म 15 अगस्त 1954 को हुआ था। 2009 के विधानसभा चुनाव में वसंत राव निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। सितंबर 2014 में चव्हाण ने कांग्रेस ज्वॉइन किया और 13वीं महाराष्ट्र विधानसभा के लिए दूसरी बार चुने गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सांसद के तौर पर संसद पहुंचे।
सेहत ने नहीं दिया साथ
2024 का चुनाव जीतने के बाद वसंत राव की सेहत ने उनका साथ नहीं दिया, तबीयत बिगड़ती गई। उन्हें हैदराबाद स्थित क्रीम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन 26 अगस्त 2024 को खबर आई कि वसंत राव चव्हाण नहीं रहे। कांग्रेस के बुरे वक्त में वसंत राव चव्हाण ने पार्टी का झंडा बुलंद किया। नांदेड़ में उनकी जगह भर पाना कांग्रेस के लिए वाकई मुश्किल होगा।