Maharashtra: उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत के चोर मंडली (चोरों का गिरोह) वाले बयान पर बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग को लेकर शिवसेना और भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। नतीजा तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर एक बजे दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
सदन की गरिमा पर राउत ने किया हमला
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन को ‘चोर मंडल’ कहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह विधायिका का अपमान है। उन्होंने आग्रह किया कि यह किसी एक पार्टी या सदस्य का मामला नहीं है, बल्कि सदन और निर्वाचित प्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है।
वहीं भाजपा विधायक अतुल भातकलकर ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया और संविधान पर एक कलंक बताया।
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अध्यक्ष ने कहा- हम जांचकर 8 मार्च को फैसला देंगे
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में राउत के बयानों की पूरी तरह से जांच करेंगे और 8 मार्च को इस मामले में फैसला लेंगे। इसके बाद उन्होंने सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
Maharashtra Assembly Session: BJP brings breach of privilege notice against Sanjay Raut's "chor mandal" remark
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— ANI Digital (@ani_digital) March 1, 2023
राउत ने दी सफाई, बोले- गलत अर्थ निकाला गया
संजय राउत ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने दावा किया कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में किसी भी जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
दरअसल, संजय राउत कोल्हापुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधायिका में नकली शिवसेना है, यह चोर मंडल यानी चोरों का गिरोह है।
क्यों है शिंदे-ठाकरे गुट में विवाद?
दरअसल, चुनाव आयोग ने पिछले महीने शिंदे गुट को ‘असली’ गुट के रूप में मान्यता दी थी। साथ ही ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष-तीर’ का निशान भी दे दिया था। इसके बाद से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच एक युद्ध की स्थिति है। चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिस पर फैसला आना बाकी है।
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