Maharashtra: महाराष्ट्र की सियासत को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा अपडेट आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे के शिवसेना में टूट और राज्य में तख्ता पलट को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाने वाली है। एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायक अयोग्य होंगे, शिंदे की सरकार रहेगी या नहीं, मुख्यमंत्री में बदलाव होगा या नहीं, जैसे तमाम सवालों के जवाब आज मिल जाएंगे।
इस बीच ठाकरे गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा कि अगर आज सीएम शिंदे समेत 16 विधायक अयोग्य घोषित कर दिए जाएं तो देशद्रोहियों की यह जमात खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, वो सभी देख रहे हैं। वहां संविधान जल रहा है, देश जल रहा है, क्योंकि वहां सबकुछ कानून और संविधान के मुताबिक नहीं चल रहा था। उन्होंने कहा कि सरकारें गिराई जाती हैं, सरकारें लाई जाती हैं… देश की ऐसी तस्वीर नहीं होनी चाहिए।
Maharashtra | If the 16 MLAs including CM Shinde are disqualified today, then this group of traitors will be finished: Sanjay Raut, Uddhav Thackeray faction leader pic.twitter.com/bW3i5qy1xt
— ANI (@ANI) May 11, 2023
16 विधायकों में मुख्यमंत्री शिंदे समेत ये शामिल
जिन विधायक के अयोग्य होने का मामला लटका है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा संदीपन भूमरे, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, चिमनराव पाटिल, भरत गोगावले, लता सोनवणे, रमेश बोरवणे, प्रकाश सुर्वे, बालाजी किनिकर, महेश शिंदे, अनिल बाबर, संजय रायमुलकर, बालाजी कल्याणकर शामिल हैं।
मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रख लिया था सुरक्षित
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके 15 विधायकों की पात्रता और अपात्रता पर फैसला होगा। इस पूरे प्रकरण की सुनवाई पांच जजों की खंडपीठ में पूरी हो चुकी है। मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया था। याचिका उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। उन्होंने बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बेंच यह फैसला सुनाएगी।
क्या है पूरा मामला?
जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। उनके साथ 15 विधायक भी थे। सभी पहले सूरत फिर गुवाहाटी में ठहरे थे। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायकों के साथ वापस लौटने के लिए बातचीत का प्रस्ताव दिया था। लेकिन शिंदे ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। बाद में तत्कालीन विधानसभ स्पीकर ने शिंदे और उनके समर्थक विधायकों को वापस आने के लिए कहा। एकनाथ ने पार्टी व्हिप का भी पालन नहीं किया।
बाद में उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। 30 जून को शिंदे ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने शिंदे और उनके 15 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के लिए याचिका दायर की थी। इसी मामले पर आज फैसला आएगा।
बता दें कि मामले में उद्धव ठाकरे कैंप की पैरवी सीनियर वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत, अमित आनंद तिवारी जबकि सीनियर लॉयर एनके कौल, महेश जेठमलानी और मनिंदर सिंह ने शिंदे गुट का प्रतिनिधित्व किया।