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मुंबई

महाराष्ट्र के पुणे में ‘ई-फाइलिंग’ सिस्टम शुरू, 21 दिन में ट्रैफिक उल्लंघन के 3,560 मामले दर्ज

महाराष्ट्र के पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने शहर में 'ई-फाइलिंग' सिस्टम शुरू कर दिया है। इस नए सिस्टम के तहत 21 दिनों में कुल 3,560 मामले दर्ज किए गए हैं।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Apr 8, 2025 10:04
Pune Motor Vehicle Court

महाराष्ट्र के पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने शहर में ‘ई-फाइलिंग’ सिस्टम शुरू कर दिया है। इसके तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामले स्वीकार करना भी शुरू हो गया है। इससे कोर्ट का काम कागज रहित हो गया है। मालूम हो कि पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ने 17 मार्च से ‘ई-फाइलिंग’ को लागू किया था। 17 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक ई-फाइलिंग सिस्टम के जरिए कुल 3,560 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट ऐसी सुविधा लागू करने वाला देश का पहला कोर्ट बन गया है।

काम आ रही तेजी

इस ‘ई-फाइलिंग’ सिस्टम के तहत अब पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ से ट्रैफिक पुलिस, पुणे से RTO इंस्पेक्टर और हाईवे पुलिस को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले दायर करने के लिए कोर्ट आने की जरूरत नहीं है। इससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामलों के समाधान में तेजी आ रही है।

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मामलों का तेजी से निपटान

पुणे पुलिस विभाग के अतिरिक्त आयुक्त मनोज पाटिल ने बताया कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए हर महीने करीब 150,000 ई-चालान जारी किए जाते हैं। इनमें से लगभग 15,000 मामलों को पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट में दाखिल करने की जरूरत होती है। पिछली प्रक्रिया समय लेने वाली थी। हर फेज में रिपीट होने जाने वाले काम के साथ ट्रैफिक पुलिस और न्यायालय प्रशासन पर दबाव पड़ता था। हालांकि, ई-फाइलिंग सिस्टम ने दावा दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इसके अलावा जनशक्ति पर दबाव कम कर दिया है, साथ ही मामलों के तेजी से निपटान में मदद कर रहा है।

पहले के ट्रैफिक नियम

पुणे मोटर व्हीकल कोर्ट द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, नशे में गाड़ी चलाना, हाई स्पीड से गाड़ी चलाना और रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना जैसे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनों के लिए मोटर चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है। ट्रैफिक और हाईवे पुलिस या इंस्पेक्टर मौके पर ई-चालान जारी करते हैं। इसके अलावा, सीसीटीवी या प्रवर्तन अधिकारियों के जरिए वाहनों की तस्वीरें ली जाती हैं, जिन्हें फिर ई-चालान के रूप में संसाधित किया जाता है।

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अगर इन चालानों का भुगतान नहीं किया जाता है या फिर ट्रैफिक नियम का उल्लंघन गंभीर है, तो मोटर व्हीकल कोर्ट में दावे दायर किए जाते हैं। इस तरह के 10 लाख से अधिक दावे अदालत में लंबित हैं। इससे कोर्ट पर काम का बोझ बढ़ रहा है। पहले प्रवर्तन अधिकारियों को इन दावों को दर्ज करने के लिए अदालत का दौरा करना पड़ता था। इसमें काफी समय खर्च होता था और प्रशासनिक दबाव के कारण देरी होती थी। इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्य जिला न्यायाधीश महेंद्र महाजन और मोटर व्हीकल कोर्ट के न्यायाधीश अमृत बिराजदार ने ई-फाइलिंग लागू की।

ड्राइवरों को पावर ऑफ अटॉर्नी

डिजिटल फाइलिंग सिस्टम ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इससे न्यायिक कार्यवाही में तेजी आई है। जब ई-फाइलिंग के जरिए यातायात नियम उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाता है, इस दौरान पुलिस द्वारा संबंधित चालक को ई-नोटिस तैयार किया जाता है और उसे वितरित किया जाता है। यह प्रणाली ड्राइवरों को पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेजों या अन्य आवेदनों सहित अपने जवाब ऑनलाइन जमा करने की भी अनुमति देती है।

First published on: Apr 08, 2025 10:04 AM

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