Patra Chawl Land Scam Case: शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत 102 दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर बुधवार रात बाहर आ गए हैं। जेल से बाहर उनके स्वागत में बड़ी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता नजर आए। संजय राउत ने भी जेल से बाहर निकलकर कार में खड़े हो अपनी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया।
करीब 102 दिन बाद जेल से रिहा हुए संजय राउत, जेल के बाहर कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न#SanjayRaut pic.twitter.com/NnPebIClcq
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संजय राउत को PMLA कोर्ट ने जमानत दी है। कोर्ट ने संजय राउत के साथ प्रवीण राउत को भी जमानत दी है। बता दें कि 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद उन्हें 1 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा था कि राउत ने धोखाधड़ी करने में आरोपी की मदद की थी और बदले में 1.06 करोड़ रुपये उसकी पत्नी वर्षा राउत को अलग-अलग तरीकों से डायवर्ट किए गए। केंद्रीय एजेंसी ने संजय राउत को गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी और कथित सहयोगियों से संबंधित वित्तीय संपत्ति लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया था।
बता दें कि 2007 में HDIL (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को म्हाडा द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किरायेदारों के लिए फ्लैट विकसित करने थे और लगभग 3000 फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे। कुल भूमि 47 एकड़ थी। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने पात्रा चॉल या किसी अन्य फ्लैट का पुनर्विकास नहीं किया। मार्च 2018 में, म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था, जबकि सारंग वधावन को उसी साल सितंबर में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
क्या है पात्रा चॉल भूमि घोटाला
पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है।