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मुंबई

122 करोड़ के गबन में चौंकाने वाले खुलासे, हिरेन भानु ने हितेश मेहता पर फोड़ा ठीकरा

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 26 करोड़ का गबन हुआ था। इस मामले में ताजा अपडेट सामने आया है। बैंक के पूर्व चेयरमैन ने अपने बयान दर्ज कराए हैं, जिसमें उन्होंने कई खुलासे किए। मुंबई EOW को दिए बयान में उन्होंने क्या कुछ कहा? आइए जानते हैं...

Author Reported By : Rahul Pandey Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 8, 2025 11:19
New India Cooperative Bank

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 26 करोड़ के गबन मामले में पूर्व चैयरमेन हिरेन भानु ने गिरफ्तार आरोपी हितेश मेहता पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने पुलिस थाने में अपने बयान दर्ज कराए और कई खुलासे किए। हिरेन भानु ने अपने बयान में कई सनसनीखेज दावे भी किए हैं। भानु ने सारा ठीकरा गिरफ्तार आरोपी हितेश मेहता पर फोड़ा है। सूत्रों की मानें तो हिरेन भानु ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में बैंक घोटाले को लेकर स्टेटमेंट दर्ज कराया है। अपने बयान में उन्होंने सीधे-सीधे हितेश मेहता को दोषी ठहराया है, जो इस मामले में गिरफ्तार है। वहीं हिरेन भानु पर बैंक घोटाले की जांच शुरू होने के बाद देश छोड़कर भागने का आरोप लगा है।

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भानु का दावा- मेहता ने कबूली हेराफेरी की बात

हिरेन ने दावा किया है कि उनकी पत्नी गौरी भानु बैंक की कार्यवाहक अध्यक्ष हैं और वे किसी घोटाले के कारण भागी नहीं हैं, बल्कि वे उनके साथ विदेश में रह रही हैं। थाईलैंड ट्रिप की प्लानिंग पहले से ही की हुई थी। बता दें कि भानु ने पिछले महीने मुंबई पुलिस की EOW को अपना बयान दिया था और कथित 122 करोड़ रुपये के घोटाले के लिए गिरफ्तार आरोपी हितेश मेहता को दोषी ठहराया था। उन्होंने दावा किया था कि जब RBI के अधिकारी प्रभा देवी बैंक के मुख्यालय पहुंचे थे तो मेहता ने खुद उन्हें फोन किया और गुजराती में स्वीकार किया कि उन्होंने यह काम किया है। 5 साल में पैसे की हेराफेरी की बात कबूल की है।

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26 करोड़ के भुगतान को किया खारिज

भानु ने यह भी दावा किया कि मेहता ने दहिसर स्थित एक इमारत को 70 करोड़ रुपये देने की बात कबूल की है, जबकि उसके द्वारा 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर बड़ी रकम भी निकाली गई थी। भानु ने अपने बयान में इस बात से इनकार किया है कि मेहता ने उसे 26 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। उन्होंने कहा कि उनके आय के स्रोत उनके आयकर रिटर्न में दर्ज हैं और उनके खिलाफ आरोप असत्यापित हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे मेहता पर झूठ पकड़ने वाला परीक्षण किया गया था और जिसके परिणाम नकारात्मक आए थे। भानु ने यह भी सवाल उठाया कि 2021 से आरबीआई की निगरानी के बावजूद धोखाधड़ी पर किसी का ध्यान कैसे नहीं गया, जिससे गंभीर संदेह पैदा होता है।

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भानु पर 26 करोड़ के गबन का आरोप

बता दें कि भानु पर गबन की गई 122 करोड़ की राशि में से 26 करोड़ रुपये प्राप्त करने तथा उनकी पत्नी गौरी भानु पर हितेश मेहता से 2 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू को दर्ज कराए गए बयान में भानु ने अपने तथा अपनी पत्नी पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। अपने बयान में भानु ने कहा है कि बैंक पिछले 4 वर्षों से आरबीआई की निगरानी में था। बैंक में आरबीआई द्वारा बोर्ड की ऑडिट कमेटी में नामित एक निदेशक भी था और वही व्यक्ति न्यू इंडिया बैंक के बोर्ड का भी हिस्सा था।

उन्होंने यह भी बताया कि बैंक की नीति के अनुसार बैंक के वैधानिक ऑडिटर सहित विभिन्न विभागों के लिए बाहरी ऑडिटरों की नियुक्ति की संस्तुति करने की पूरी जिम्मेदारी आंतरिक ऑडिट विभाग प्रमुख की थी। सभी बाहरी ऑडिटरों को अपनी टिप्पणियां आंतरिक ऑडिट विभाग प्रमुख को देनी थीं, जो बदले में बोर्ड की ऑडिट कमेटी को रिपोर्ट देते। ऑडिट कमेटी से पारित होने के बाद यह रिपोर्ट अगली बोर्ड बैठक में रखी जाती। अपने बयान में उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में ऑडिट कमेटी के सामने पेश की गई किसी भी ऑडिट रिपोर्ट में कैश बैलेंस में किसी भी तरह की गड़बड़ी को उजागर नहीं किया गया है।

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Edited By

Khushbu Goyal

Reported By

Rahul Pandey

First published on: Apr 08, 2025 11:13 AM

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