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मुंबई

नाशिक में AI की मदद से साइबर ठगों ने बनाया फर्जी सुप्रीम कोर्ट, CJI के नाम पर 7.8 करोड़ की ठगी!

महाराष्ट्र के नासिक में साइबर ठगों ने एआई तकनीक का दुरुपयोग करते हुए दो वरिष्ठ नागरिकों से 7.8 करोड़ रुपये की ठगी की है. ठगों ने फर्जी सुप्रीम कोर्ट बनाकर खुद को CJI भूषण गवई के नाम से पेश किया और पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट में रखकर धमकाया. एक मामले में 74 वर्षीय व्यक्ति से 72 लाख रुपये और दूसरे में एक महिला से 6 करोड़ रुपये ऐंठ लिए गए. पुलिस का मानना है कि अपराधियों ने डीपफेक और एआई वॉइस क्लोनिंग का इस्तेमाल किया. पढ़ें राहुल पांडे की रिपोर्ट

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Oct 14, 2025 13:09
CJI Name Fraud
CJI के नाम पर करोड़ों की ठगी

महाराष्ट्र के नाशिक जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां ठगों ने फर्जी सुप्रीम बनाकर दो वरिष्ठ नगारिकों को शिकार बनाया है. उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और करोड़ों रुपये की ठगी कर ली है. राज्यभर में डिजिटल हाउस अरेस्ट जैसे साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. नए मामले में साइबर अपराधियों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI भूषण गवई के नाम पर फर्जी न्यायालय तैयार किया और दो वरिष्ठ नागरिकों को अपने जाल में फंसाकर कुल 7 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगी की है. इस अनोखी धोखाधड़ी से पुलिस भी हैरान है.

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट में खुद मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई उपस्थित हैं. शक है कि अपराधियों ने इसके लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस AI तकनीक का उपयोग किया. दोनों मामलों में साइबर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.

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74 वर्षीय वृद्ध से 72 लाख की ठगी

पहले मामले में, 74 साल के वरिष्ठ नागरिक को अपराधियों ने यह कहकर डराया कि उनके आधार कार्ड से जुड़ा क्रेडिट कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ी में इस्तेमाल हुआ है. ठगों ने धमकी दी कि यदि वह 72 लाख रुपये का दंड नहीं भरेंगे तो सीबीआई की टीम उन्हें गिरफ्तार करेगी. डर के मारे पीड़ित ने ठगों के बताए अनुसार राशि ट्रांसफर कर दी.

महिला से 6 करोड़ की लूट

दूसरे मामले में, अपराधियों ने एक बुजुर्ग महिला को यह कहकर धमकाया कि उनके सिम कार्ड से अश्लील फोटो और वीडियो वायरल हुए हैं. खुद को न्यायिक अधिकारी बताकर ठगों ने “कोर्ट में कार्रवाई” का डर दिखाया और उनसे करीब 6 करोड़ रुपये ऐंठ लिए.

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यह भी पढ़ें: दसवीं फेल ठगों ने बुन दिया 3.26 करोड़ की साइबर ठगी का जाल, लखनऊ और उन्नाव से 3 दबोचे

जांच में जुटी पुलिस

इन घटनाओं के बाद नाशिक सहित पूरे राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के बीच डर का माहौल है. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर विश्वास न करें और ऐसी कोई भी जानकारी तुरंत साइबर पुलिस को दें. मामले की हो रही जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अपराधियों ने फर्जी कोर्ट और वीडियो तैयार करने के लिए कौन-कौन सी तकनीकों का इस्तेमाल किया. पुलिस को शक है कि इसमें डीपफेक और एआई वॉइस क्लोनिंग का भी इस्तेमाल किया गया हो सकता है.

First published on: Oct 14, 2025 01:04 PM

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