Mumbai Serial Local Train Blasts 2006: मुंबई सीरियल ब्लास्ट को 19 साल पूरे हो गए हैं। इन धमाकों में 189 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय 400 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें से अब 11 लोगों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। 2006 में हुए ये धमाके कुल 7 ट्रेनों में किए गए थे। जिनमें से 5 धमाके चलती ट्रेनों में हुए थे और 2 धमाके प्लेटफॉर्म पर खड़ी ट्रेनों में हुए। इसकी जांच की गई तो पता चला कि इसका संबंध पाकिस्तान से था। इसके लिए लोगों को पूरी ट्रेनिंग दी गई थी। जिन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था, उन पर अलग-अलग आरोप लगे थे। इन ब्लास्ट की टाइमिंग और जांच की पूरी टाइमलाइन यहां पढ़िए।
किस समय हुए धमाके?
पहला धमाका- 6: 24 बजे
दूसरा धमाका- 6: 24 बजे
तीसरा धमाका- 6:25 बजे
चौथा स्टेशन- 6: 26 बजे
पांचवा धमाका- 6: 29 बजे
छठा धमाका- 6: 30 बजे
सातवां धमाका- 6:35 बजे
धमाके मामले में कब-कब क्या हुआ?
1- 11 जुलाई 2006 की शाम 6.24 बजे से 6.35 बजे के बीच धमाके हुए। ये धमाके मुंबई लोकल ट्रेनों के 7 डिब्बों में किए गए।
2- 14 जुलाई 2006 को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-कहार ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। इसके लिए मेल भेजा गया था।
3- 17 जुलाई 2006 को मुंबई फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि यह हमला RDX से किया गया था।
4- एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने बताया कि इन बमों को चेंबूर में बनाया गया था।
5- 18 जुलाई 2006 को उस समय दश के राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम ने मरने वालों को दो मिनट का मौन रखने के लिए कहा। इसके लिए शोक सभा का आयोजन किया गया था।
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6- 21 जुलाई 2006 को पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की। इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में कई खुलासे हुए। इस बीच और भी बहुत सी गिरफ्तारियां की गईं।
7- नवंबर 2006 में ATS ने एक आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण (Mcoca) कानून के तहत 15 पर आरोप तय किए गए।
8- जून 2007 को आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
9- सितंबर 2008 में मुंबई अपराध शाखा ने इंडियन मुजाहिदीन के 5 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया। इसमें बताया गया कि बम रखने वाले पाकिस्तानी थे।
10- फरवरी 2009 में इंडियन मुजाहिदीन के गिरफ्तार नेता सादिक शेख ने धमाके करने की बात कुबूली थी।
11- फरवरी 2010 को आरोपियों के वकील की हत्या कर दी गई।
12- 2014 में कोर्ट द्वारा धमाके के कुछ आरोपियों को बरी कर दिया गया।
13- 21 जुलाई 2025 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले के 11 आरोपियों को बरी करने का फैसला किया। इस केस में आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार फिर से कोर्ट का रुख कर सकती है।
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