Marathi Language Controversy: महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठी अस्मिता को लेकर विवाद गरमा गया है। इस बार बवाल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में हुआ है। धुले जिले की देवपुर शाखा में बैंक के अधिकारी पर मराठी भाषा और एक महिला शिक्षिका का अपमान करने का आरोप लगा है। मामला इतना बढ़ा कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के कार्यकर्ता बैंक में पहुंच गए और उन्होंने एक अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया। दोनों पक्षों पर पुलिस में केस दर्ज हो चुका है।
वहीं आरोप है कि बैंक मैनेजर ने विवादित बयान दिया था कि तुम मराठी लोग ऐसे ही होते हो। मामला 4 जून की शाम का है। एक महिला शिक्षिका गोल्ड लोन की किस्त भरने देवपुर SBI शाखा पहुंचीं। आरोप है कि बैंक मैनेजर अतुल राजेंद्र कुमार गांधी ने उनसे मराठी में बात करने से इनकार करते हुए कहा कि मुझे मराठी नहीं आती, हिंदी में बात करो। तुम मराठी लोग कभी भी चले आते हो!शिक्षिका का यह आरोप है कि अधिकारी ने उन्हें गुजराती में अपशब्द कहे। मराठी भाषा का अपमान किया।
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शिवसेना UBT के थप्पड़ का वीडियो वायरल
घटना से आहत शिक्षिका ने शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं से संपर्क किया। सोमवार को स्थानीय नेता धीरज पाटिल की अगुवाई में शिवसैनिक बैंक पहुंचे। तब तक मुख्य आरोपी मैनेजर अतुल गांधी वहां से फरार हो चुका था। गुस्साए शिवसैनिकों ने मौजूद अधिकारी सदाशिव अजगे से जवाब-तलब किया और इसी दौरान एक शिवसेना पदाधिकारी ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वहीं शिवसेना नेता धीरज पाटील का बयान भी सामने आया मराठी भाषा का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिसने अपमान किया है, उससे जवाब लेना हमारा हक है।
क्रॉस एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
देवपुर पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज की गई है। महिला शिक्षिका की शिकायत पर 2 बैंक अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, जबकि बैंक अधिकारियों की ओर से भी शिवसेना कार्यकर्ताओं पर हमला करने और धमकाने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जांच प्राथमिकता पर है।
चुनाव से पहले ‘मराठी अस्मिता’ की सियासत!
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जल्द ही ग्राम पंचायत और नगर निगम चुनाव होने हैं। ऐसे में ‘मराठी भाषा और अस्मिता’ को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। इस मुद्दे को पहले मनसे ने उठाया और अब शिवसेना (उद्धव गुट) भी इसे लेकर फ्रंटफुट पर आ गई है। इससे पहले भी महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम गैर मराठी’ का मुद्दा कई बार गरमा चुका है। कुछ मामले तो कोर्ट तक भी पहुंचे हैं।