Jarange Patil on hunger strike from today : मराठा आरक्षण के लिए लड़ाई लड़ रहे आंदोलनकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार सुबह जालना के अंतरवाली सराटी से अपना दूसरे दौर का आमरण अनशन शुरू किया। उनकी पहली मांग, मराठा समाज को कुनबी जाती का सर्टिफिकेट देने को लेकर है। वहीं दूसरी ओर वह मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
‘जुबान की वजह से तोड़ना पड़ा था अनशन’
मनोज जरांगे ने आमरण अनशन शुरू करते हुए कहा कि मैं आज से फिर से एक बार आमरण अनशन शुरू कर रहा हूं, पिछली बार 29 अगस्त को आमरण अनशन शुरू किया था। उन्होंने कहा कि अगस्त के बाद 14 सितंबर को सरकार की तरफ से कहा गया था कि आपकी मांग के तहत आरक्षण देंगे, लेकिन वो कानूनी तौर पर टिकना चाहिए इसलिए एक महीने का समय दीजिए, उन्होंने जुबान दी थी जिसकी वजह से मुझे अनशन तोड़ना पड़ा था।
मेडिकल सहायता ना लेने का फैसला
जरांगे ने अनशन के दौरान कहा कि सरकार ने मुझसे 30 दिन का समय मांगा था आज 41 दिन बीत गए, इसके बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया इसलिए आज फिर से स्थगित किया गया आमरण अनशन शुरू कर रहा हूं। बता दें कि इस बार के आमरण अनशन के दौरान मनोज जरांगे ने मेडिकल सहायता ना लेने का फैसला किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिंदे ने जरांगे को आश्वासन दिया था कि मराठा आंदोलनकर्ताओं पर दर्ज मामले 2 दिन में वापस लिए जाएंगे, लेकिन 40 दिन बाद भी केस वापस नहीं लिए गए हैं।
‘आखिरी खून के कतरे तक लड़ेंगे लड़ाई’
मंगलवार को आजाद मैदान में हुई शिवसेना की दशहरा रैली में सीएम एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की कसम खाते हुए कहा था कि मराठा समाज को वो आरक्षण देकर रहेंगे और उनके शरीर में जब तक आखिरी खून का कतरा बाकी है वो मराठा समाज के लिए लड़ेंगे। हालांकि इसका कोई असर मनोज जरांगे पर देखने को नहीं मिला इसलिए उन्होंने फिर से दोबारा आमरण अनशन शुरू किया गया है। उनका कहना है कि इस अनशन में सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में मराठा समाज शृंखला बद्ध तरीके से अनशन करेगा, इस दौरान सरकार के सभी मंत्रियों को मराठा समाज गांव में प्रवेश नहीं होने देगा।