Manoj Jarange Patil on Maratha reservation(इन्द्रजीत सिंह): मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आक्रामक हैं। मनोज जरांगे ने आज महाराष्ट्र सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि आपके पास केवल दस दिन हैं, अब समितियों के गठन का खेल बंद कर दीजिए।
‘मैं इसके लिए अपने प्राण दे दूंगा’
जरांगे-पाटिल ने अंतरवाली-सरती गांव में मराठों की भारी भीड़ के सामने कहा, हम अब और इंतजार नहीं करेंगे… सरकार को हमें कोटा देना होगा। मैंने अपना वचन दे दिया है और मैं इसके लिए अपने प्राण दे दूंगा। मनोज जरांगे पाटिल ने चेतावनी दी है कि अगर महाराष्ट्र में मेरी विजय यात्रा नहीं निकलेगी तो मेरी शवयात्रा निकलेगी।
सरकार को जारांगे का अल्टीमेटम
जरांगे ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई अन्य नेताओं से ‘मराठा मुद्दे को गंभीरता से लेने’ की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ देने के लिए मराठा समुदाय को ओबीसी समुदाय में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, मैं मोदी-शाह और शिंदे से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि हमें हमारा अधिकार दें, हमें बेवजह परेशान करना बंद करें, नहीं तो हम भी नहीं जानते कि कल क्या होगा।
जरांगे ने राज्य सरकार के सामने रखी 6 मांगें
बता दें कि जरांगे ने राज्य सरकार के सामने 6 मांगें रखी हैं। ये मांगे इस प्रकार हैं –
1. मराठा समाज को कुनबी का प्रमाण पत्र देकर मराठों को ओबीसी में शामिल किया जाए।
2. महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को 50 प्रतिशत के भीतर मराठा के रूप में वर्गीकृत कर आरक्षण दिया जाए।
3. कोपर्डी में बच्ची से दरिंदगी करने वाले हत्यारे को मौत की सजा हो।
4. मराठा आरक्षण के लिए बलिदान देने वाले 45 भाइयों के परिवार को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी मिले।
5. हर 10 साल में आरक्षित ओबीसी का सर्वे कराएं। वहीं सर्वे कराकर, सक्षम जातियों को आरक्षण से बाहर किया जाए।
6. सारथी के माध्यम से पीएचडी छात्रों को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करें, उनके प्रश्नों का तुरंत समाधान किया जाए।