मुंबई में तेजी से बदलते इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच बुधवार को शहर की पहली अर्बन अंडरग्राउंड टनल रोड परियोजना ने एक अहम कदम पार कर लिया. ऑरेंज गेट से मरीन ड्राइव तक बन रही इस अत्याधुनिक सुरंग में टनल बोरिंग मशीन (TBM) को औपचारिक रूप से नीचे उतार दिया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों मौजूद रहे, जिसने प्रोजेक्ट की अहमियत और रफ्तार का संकेत दिया.
मुंबई को मिलेगा पहली बार ‘अर्बन अंडरग्राउंड टनल’ का अनुभव
शहर के बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं, और यह टनल उनमें सबसे महत्वाकांक्षी मानी जा रही है. यह सुरंग साउथ मुंबई के ईस्टर्न फ्रीवे को सीधे मरीन ड्राइव और कोस्टल रोड से जोड़ेगी. यह देश की पहली ऐसी शहरी सुरंग होगी जो रेलवे, मेट्रो और प्रमुख सड़कों के नीचे से होकर गुजरेगी वह भी एक अत्यंत घनी आबादी वाले क्षेत्र के भीतर.
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परियोजना की खास बातें:
- कुल लंबाई: लगभग 10 किलोमीटर
- अंडरग्राउंड टनल हिस्सा: 7 किलोमीटर
- गहराई: 12 से 52 मीटर के बीच
- रेलवे व मेट्रो के नीचे: मध्य, पश्चिम रेलवे और मेट्रो लाइन 3
- डिज़ाइन: प्रत्येक सुरंग में दो लेन + 2.50 मीटर की इमरजेंसी लेन
- स्पीड लिमिट: 80 किमी प्रति घंटा
- सेफ्टी: हर 300 मीटर पर क्रॉस-पैसेज
- कुल लागत: ₹8,056 करोड़
- कार्य अवधि: 54 महीने (( दिसम्बर 2028 ))
मुंबई की ईस्ट-वेस्ट कनेक्टिविटी में आएगा बड़ा बदलाव
इस टनल के शुरू होने के बाद मुंबई की ईस्ट-वेस्ट यात्रा पहली बार सीधे भूमिगत रास्ते से संभव होगी.
मुख्य लाभ: यात्रा समय में 15–20 मिनट की कमी , ईंधन की बचत, वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी, शहर में कम भूमि अधिग्रहण, कम विघ्न, कोस्टल रोड और अटल सेतु से सीधा इंटीग्रेशन. टनल के भीतर अत्याधुनिक इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम (ITS), हाई-वेंटिलेशन मैकेनिज़्म और आधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिससे यह देश की सबसे सुरक्षित सड़क सुरंगों में शामिल होगी.
2400 टन की TBM खास तौर पर मुंबई के लिए की गई तैयार
परियोजना में जिस टनल बोरिंग मशीन का उपयोग हो रहा है, वह स्लरी-शील्ड टाइप TBM है, वही तकनीक जो मुंबई कोस्टल रोड में सफल साबित हुई थी. यह मशीन विशेष रूप से मुंबई की जटिल भू-परत और उच्च जलस्तर वाली स्थिति के लिए डिज़ाइन की गई है. मशीन की लंबाई: 82 मीटर और वज़न करीब 2,400 टन. इसके माध्यम से सुरक्षित और सटीक खुदाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि घनी आबादी वाले क्षेत्र के नीचे काम बिना किसी जोखिम के पूरा हो सके.
मुंबई की पहली अंडरग्राउंड टनल रोड न केवल शहर के ट्रैफिक बोझ को कम करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में यह दक्षिण मुंबई के परिवहन नेटवर्क का रीढ़ बन सकती है. TBM के सुरंग में उतरने के साथ ही परियोजना ने एक नई गति पकड़ ली है, और अब इसकी जमीन के नीचे की यात्रा आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है.
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