महाराष्ट्र में नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर बवाल मच गया है। यहां दो समूहों के बीच विवाद के बाद तनाव फैल गया है। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ और पथराव की घटना सामने आई है। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस को बीच-बचाव के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े। इतना ही नहीं हिंसा के दौरान एक जेसीबी मशीन को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस कर्मी और फायर ब्रिगेड के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया कि दो जेसीबी आग के हवाले कर दी गई हैं और कुछ और वाहन भी प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि एक फायरमैन भी घायल हो गया है।
#WATCH | Nagpur (Maharashtra) violence: A Fire Brigade official says, “Two JCBs (were set ablaze) and a few more vehicles were also impacted. One fireman is injured…” pic.twitter.com/lt2cANlLqJ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 17, 2025
पत्थरबाजी में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त
नागपुर के महल इलाके में दो समूहों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों की तरफ से की गई पत्थरबाजी में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। नागपुर के महल इलाके तनाव को देखते हुए में भारी पुलिस बल तैनात किए गए हैं। वहीं, वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है। बताया जा रहा है कि बजरंग दल और वीएचपी के औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किए गए विरोध-प्रदर्शन के दौरान 2 गुटों में टकराव हुआ है।
#WATCH | Maharashtra: Tension breaks out in Mahal area of Nagpur after a dispute between two groups. Vehicles vandalised and torched, stone pelting reported. Police personnel present in the area. Details awaited. pic.twitter.com/PPufCmM55N
— ANI (@ANI) March 17, 2025
सीएम फडणवीस ने की ये अपील
नागपुर के महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस प्रशासन स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने लोगों से अपील की है कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए। नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोगी शहर है। यह नागपुर की स्थायी परंपरा रही है। साथ ही मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसी भी अफवाह पर यकीन न करने और प्रशासन को पूरा सहयोग देने की अपील की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों से शांति से रहने की अपील जारी की है। नितिन गडकरी ने एक वीडियो जारी किया है।
नागपूरच्या नागरिकांना विनम्र आवाहन. pic.twitter.com/2jcCv4AaVN
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 17, 2025
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने नागपुर की हिंसा को लेकर चिंता जताई है और X पर लिखा कि नागपुर में दंगों की खबरें बेहद परेशान करने वाली हैं। महल मुख्यमंत्री का अपना क्षेत्र है। अपने 300 साल के गतिशील अस्तित्व में, नागपुर ने कभी दंगों का अनुभव नहीं किया। पिछले कई दिनों से, 300 साल पुराने इतिहास को हथियार बनाकर उसका इस्तेमाल विभाजन, ध्यान भटकाने और अशांति पैदा करने के लिए किया जा रहा है। ये झड़पें केंद्र और राज्य दोनों में सत्तारूढ़ शासन की विचारधारा का असली चेहरा उजागर करती हैं।
Reports of riots in Nagpur are deeply disturbing. Mahal is Chief Minister’s own area. In its 300 years of dynamic existence, Nagpur has never experienced riots.
Over the last several days, attempts were being made to weaponise 300 year old history and use it now to create… https://t.co/gqC5cAyz3B— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) March 17, 2025
औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन
बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने छत्रपति संभाजीनगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। हंगामा तब और बढ़ गया जब दो विरोधी समूह आमने-सामने आ गए, जिससे पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की भारी तैनाती करनी पड़ी। गौरतलब है कि वीएचपी और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह कब्र सदियों के उत्पीड़न और अत्याचारों का प्रतीक है, जो उनके शासनकाल के दौरान हुए थे।
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बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ‘कारसेवा’ करने की दी है चेतावनी
वीएचपी और बजरंग दल का तर्क है कि कब्र का अस्तित्व एक अत्याचारी को महिमामंडित करता है, जिसने हिंदुओं का उत्पीड़न किया और मंदिरों को नष्ट किया। वीएचपी के क्षेत्रीय प्रमुख किशोर चव्हाण ने कहा कि ‘औरंगजेब की क्रूरता इतिहास में अच्छी तरह से दर्ज है। उसने अपने पिता को कैद किया, अपने भाइयों को मार डाला और हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया। नागपुर प्रदर्शन से पहले इन संगठनों ने सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ‘कारसेवा’ करेंगे।