Maharashtra Politics : एक दूसरे के घोर विरोधी रहे और जब भी मौका मिला तो अपने बयान या फिर भाषण में एक दूसरे पर हमला करने वाले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर की मुंबई के वाय बी चव्हाण सेंटर में मुलाकात हुई, दरसल दोनों नेता वाय बी चव्हाण सेंटर में एक प्रोग्राम में पहुंचे थे। प्रोग्राम समाप्त होने के बाद सुप्रिया सुले ने इन नेताओं के बीच मुलाकात की भूमिका निभायी।
‘प्रकाश अंबेडकर का साथ होना जरूरी’
दरअसल ‘इंडिया’ गठबंधन में प्रकाश अंबेडकर को शामिल करने की इच्छा शिवसेना UBT की है, लेकिन कांग्रेस का इसे लेकर विरोध है। कांग्रेस के विरोध के आगे शरद पवार भी ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने पर चुप्पी साधे रहते थे, लेकिन राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी शरद पवार जानते हैं कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को जीत दिलानी है तो अंबेडकर का साथ होना जरूरी है।
साल 2019 के चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी ने एमआईएम के साथ हाथ मिलाते हुए महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना और कांग्रेस एनसीपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में भाजपा और शिवसेना का बंपर फायदा, वंचित के कारण हुआ था। नांदेड लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण वंचित के कारण 42 हजार वोटों से चुनाव हारे थे। नांदेड के वंचित उम्मीदवार को 1 लाख 64 हजार वोट मिले थे।
अंबेडकर ने सोलापुर लोकसभा से लड़ा था चुनाव
प्रकाश अंबेडकर ने 2019 में अकोला और सोलापुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, हालांकि इन दोनों सीट से अंबेडकर जीते नहीं, लेकिन सोलापुर से देश के पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को अंबेडकर के चलते 1 लाख 56 वोट से हार का मुंह देखना पड़ा और अंबेडकर ने इसी सीट पर 1 लाख 68 वोट हासिल किए थे। इतना ही नहीं अकोला, हाथकनगले, हिंगोली, गढ़चिरौली-चिमुर,धाराशिव,परभणी इन 8 सीट पर नुक्सान पहुंचाया था और वंचित की मदद से एमआईएम ने छत्रपति संभाजी नगर की सीट जीती थी।
5 राज्यों के चुनाव के बाद होगी चर्चा
वाय बी चव्हाण सेंटर में शरद पवार के साथ मुलाकात की तो प्रकाश अंबेडकर ने कबूला और कहा कि सुप्रिया सुले ने उन्हें कॉफी पिलाने के लिए बुलाया था, वहां पर 12 लोग मौजूद थे जहां पर पवार के साथ कोई भी राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। अंबेडकर ने कहा 5 राज्यों के चुनाव के नतीजे आने बाद ही आगे की चर्चा होगी। आपको बता दें कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने के लिए खुद प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकाअर्जुन खड़गे को खत लिखा था, लेकिन खड़गे की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।