Maharashtra MLC Election 2024: महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव को लेकर शह और मात का खेल अभी से शुरू हो चुका है। प्रदेश में शुक्रवार 12 जुलाई को विधानपरिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव होना है। सभी दल विधायकों की बैठक बुलाकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। हालांकि 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसे में एक सीट को लेकर पेंच फंस गया है। इसके लिए उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों में सेंधमारी हो सकती है और इसी से बचने के लिए उद्धव गुट ने एक खास प्लान तैयार किया है।
उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों को क्राॅस वोटिंग से बचाने के लिए आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल होटल में शिफ्ट किया है। आदित्य ठाकरे भी इन विधायकों के साथ रह सकते हैं। वहीं संख्यावार देखें तो बीजेपी के पास सबसे अधिक 103 विधायक है। कांग्रेस के पास 37, शिवसेना यूबीटी के पास 15, शिवसेना शिंदे के पास 38, एनसीपी अजित पवार के पास 40 और एनसीपी शरद पवार के पास 12 विधायक है। ऐसी स्थितियों में महाराष्ट्र की छोटी मछलियां निर्णायक भूमिका में है।
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर
ये है सियासी गणित
विधान परिषद चुनाव में शिवसेना (उद्धव गुट) ने मिलिंद नार्वेकर को प्रत्याशी बनाया है। चुनाव में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 23 वोटों की जरूरत होती है। शिवसेना यूबीटी के पास 15 ही विधायक है। वहीं दूसरी ओर एनसीपी अजीत पवार के दूसरे और एनसीपी शरद पवार के जयंत पाटिल को भी जीत के लिए दूसरी पार्टियों के विधायकों पर निर्भर रहना होगा। ऐसे में अगर क्राॅस वोटिंग होती है तो शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हो सकता है।
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सबसे ज्यादा संभावनाएं उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर की है क्योंकि उन्हें जीत के मात्र 8 विधायकों की जरूरत है। वहीं एनसीपी शरद पवार के जयंत पाटिल को जीत के लिए 11 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में अजित पवार और एकनाथ शिंदे के विधायक क्राॅस वोटिंग करेंगे तभी ये दोनों उम्मीदवार चुनाव जीत पाएंगे।
![Jayant Patil elected new chief of Maharashtra NCP | India News - The Indian Express](https://images.indianexpress.com/2018/04/jayant-patil-759.jpg?w=414)
एनसीपी शरद पवार के उम्मीदवार जयंत पाटिल
छोटी पार्टियां बनेगी किंगमेकर
महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में छोटी पार्टियों के 13 विधायक है। इनमें बहुजन विकास अघाड़ी के 3, सपा के 2, एआईएमआईएम के 2, प्रहार जनशक्ति पार्टी के 2 और मनसे समेत 6 पार्टियों के पास 1-1 विधायक है। वहीं निर्दलीय विधायकों की संख्या भी 15 है। ऐसे में अगर ये 27 वोट शरद पवार और उद्धव गुट समर्थक विधायकों को मिलते है तो ये दोनों प्रत्याशी जीत जाएंगे। ऐसे में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को फायदा मिल सकता है।
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