---विज्ञापन---

मुंबई

महाराष्ट्र: एक ही फंदे पर झूले किसान पति-पत्नी, फसल खराब होने से थे परेशान

Maharashtra News: महाराष्ट्र के विदर्भ इलाका में बुलढाणा जिले में एक किसान दंपति ने एक ही रस्सी पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। 

Author Written By: Vinod Jagdale Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Jul 24, 2025 22:48
गणेश थुट्टे और उनकी पत्नी रंजना थुट्टे की फाइल फोटो

Maharashtra News:  महाराष्ट्र के विदर्भ इलाका से हिला देने वाली खबर सामने आई है। बुलढाणा जिले के चिखली तहसील में भरोसा गांव में एक किसान दंपत्ति ने आत्महत्या कर ली। हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों ने एक ही समय एक ही फंदे से फांसी लगाई। घटना गुरुवार देर रात को आसपास के लोगों को गणेश थुट्टे (55 वर्ष) और उनकी पत्नी रंजना थुट्टे एक ही फंदे पर लटके मिले। घटना ने इलाके के लोगों को हिला कर रख दिया। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।

जांच अभी जारी है

सूचना पाकर पुलिस ने मौके पर पहुंचर जांच शुरू कर दी। पुलिस पता करने की कोशिश कर रही है कि आत्महत्या के पीछे खेती में आ रही दिक्कतें या फिर कोई और कारण है। प्राथमिक जांच में बताया जा रहा है कि किसान दंपती खेती में लगातार हो रहे नुकसान और फसल को बर्बाद कर रही हुमनी इल्ली (सूंडी) को लेकर तनाव में थे। हालांकि आत्महत्या के पीछे की असल वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: नालासोपारा मर्डर केस में पुलिस ने किया नया खुलासा, घर में पति को टाइल्स से दफनाकर सोती थी पत्नी

किसानों की आत्महत्या का कलंक है विदर्भ

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, साल 2022 में किसान आत्महत्या की सबसे अधिक घटनाओं वाले राज्य में महाराष्ट्र टॉप पर है। इस साल पूरे प्रदेश में 4,248 किसानों ने आत्महत्या की थी। वहीं विदर्भ जन आंदोलन समिति के अनुसार, विदर्भ में साल 2006 में 1065, 2005 में 572, 2004 में 620, 2003 में 170 और 2002 में 122 किसानों ने आत्महत्या कीं थीं। वहीं पिछले तीन सालों की बात करें तो कुल 7000 किसानों ने आत्महत्या की है।

---विज्ञापन---

कर्जमाफी के इंतजार में मौत को गले गला रहे किसान

विधानसभा चुनाव से पहले प्रमुख राजनीतिक दलों ने किसानों के कर्जमाफी की घोषणा की थी। सरकार अपना आश्वासन पूरा करे, इसके लिए विपक्ष और किसान संगठन प्रयास कर रहे हैं। लेकिन किसानों में इसे लेकर संभ्रम की स्थिति है। गत जून के अंत तक कृषि लोन का बकाया 31,200 करोड़ तक पहुंच चुका है। 60 प्रतिशत लोन जिला को-ऑपरेटिव बैंक से और 40 प्रतिशत लोन नेशनल बैंक से लिया जा चुका है।

यह भी पढ़ें: Mumbai Serial Local Train Blasts 2006: 7 प्रेशर कुकरों में ब्लास्ट, 189 लोगों की मौत; 19 साल पहले हुई वारदात की यादें फिर हुईं ताजा

First published on: Jul 24, 2025 10:48 PM

संबंधित खबरें