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मुंबई

महाराष्ट्र में भाजपा बहुमत के बावजूद शिंदे को क्यों दे रही भाव, जानें 4 बड़े कारण

Why BJP Giving Importance Ekanath Shinde: बीजेपी ने महाराष्ट्र में 132 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। पार्टी बहुमत से मात्र 13 सीट दूर है। वह अजित पवार के गठजोड़ सरकार बना सकती है, लेकिन उसके बावजूद वे एकनाथ शिंदे को क्यों साथ रखना चाहते हैं?

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Dec 4, 2024 07:58
Why BJP Giving Importance Ekanath Shinde

Maharashtra CM: महाराष्ट्र की राजनीतिक पहेली का अंत आज हो जाएगा। जब विधायक दल की बैठक के बाद सीएम के नाम ऐलान किया जाएगा। बीजेपी के पर्यवेक्षक विजय रूपाणी मंगलवार रात ही मुंबई पहुंच चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह मुंबई पहुंच चुके हैं। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर संशय बना हुआ है। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। खबर है कि वे बुखार से जूझ रहे हैं। शिंदे की बीमारी के चलते महायुति की विधायक दल की बैठक दो बार टल गई। इस बीच बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस देर शाम शिंदे से मिलने उनके आवास वर्षा पहुंचे। यहां दोनों नेताओं के बीच आधे घंटे तक बातचीत हुई।

अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद जब महायुति के नेता मुंबई लौटे तो उन्हें दिल्ली की बैठक का हल निकालना था, लेकिन शिंदे ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इसे अनिश्चित काल के लिए टाल दिया। एकनाथ शिंदे अपने 57 विधायकों के लिए सबसे अधिक भागदौड़ कर रहे हैं। उन्हें अपनी अहमियत का अहसास है। वे ये भी जानते हैं कि भाजपा संख्या के मामले में अच्छी स्थिति में है और अजित पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। लेकिन वैचारिक सहमति और ऐसे कई कारण है जो वे जानते हैं कि उन्हें नजरअंदाज करना बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं है।

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मराठाओं के साथ के लिए शिंदे जरूरी

एकनाथ शिंदे मराठा हैं, शिंदे ने मराठों को ओबीसी का दर्जा न देकर नाराज किया था। लेकिन मराठा जानते हैं एकनाथ शिंदे मराठा हैं आज नहीं तो कल इसका लाभ हमें जरूर मिलेगा। मराठा बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस से नाराज थे। हालांकि मराठाओं को आरक्षण देवेंद्र फडणवीस ने सीएम रहते हुए 2016 में दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया था। भाजपा मराठा नेता के तौर पर शिंदे को अपने पास रखना चाहती है।

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अजित पवार बन जाएंगे किंगमेकर

भाजपा अजित पवार को किंगमेकर कभी नहीं बनाना चाहेगी? जैसे ही बीजेपी शिंदे से नाता तोड़ेगी, अजित पवार बीजेपी के लिए अपरिहार्य हो जाएंगे। उसे अपनी मर्जी से काम करने का लाइसेंस मिल जाएगा। अजित पवार का इतिहास ऐसा रहा है कि वे बीजेपी के लिए हमेशा से ही तर्कहीन रहे हैं। शिवसेना एनसीपी की तुलना में भाजपा की स्वाभाविक सहयोगी रही है।

नगर निगम चुनाव में ठाकरे की चुनौती

मुंबई नगर निगम चुनाव में जीत के लिए शिंदे बीजेपी के लिए जरूरी है। बीएमसी भारत का सबसे अमीर नगर निगम में से एक है। जिसका वार्षिक बजट कई छोटे राज्यों से अधिक है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने संयुक्त शिवसेना के साथ मिलकर जीत हासिल की थी। भाजपा उद्धव ठाकरे से बीएमसी हथियाना चाहती है इसके लिए उसको शिंदे सेना की जरूरत है।

केंद्र के लिए जरूरी है शिंदे सेना

शिंदे की सेना के पास लोकसभा सांसद हैं जो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए जरूरी हैं। अगर शिंदे अलग होते हैं तो टीडीपी और जेडीयू अधिक शक्तिशाली हो जाएंगे।

First published on: Dec 04, 2024 07:21 AM

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