मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को राज्य से परियोजनाओं के दूसरे राज्यों में शिफ्ट होने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर तंज कसा। सांगली जिले के अपने दौरे के दौरान समाचार एजेंसी से बातचीत में महाराष्ट्र भाजपा चीफ ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे की अपनी पार्टी के विधायक उन्हें छोड़ सकते हैं, तो औद्योगिक परियोजनाएं पश्चिमी राज्य से बाहर क्यों नहीं जा सकतीं।
बावनकुले ने कहा कि प्रोजेक्ट्स के बाहर जाने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वाली सरकार को दोषी बताया जाता है जो कि बिलकुल गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शामिल अपने पूर्व सहयोगियों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को मैनेज करने में बिताया। पूर्व मुख्यमंत्री को इस बात की चिंता नहीं थी कि कोई प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में आ रहा है या नहीं।
पूर्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि यदि आप राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश लाना चाहते हैं, तो मुख्यमंत्री को उपलब्ध होना चाहिए। पिछले सीएम (उद्धव ठाकरे) 18 महीने तक मंत्रालय (मुंबई में राज्य सचिवालय) भी नहीं गए थे और वरिष्ठ अधिकारियों को उनका काफी इंतजार करना पड़ा था।
रविवार को आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर साधा था निशाना
बता दें कि महाराष्ट्र भाजपा चीफ की ये टिप्पणी उस वक्त आई है जब राज्य में शिंदे की अगुवाई वाली सरकार पर कई प्रोजेक्ट्स के महाराष्ट्र से बाहर जाने का दोषी बताया गया है। रविवार को राज्य के पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के लिए समर्पित विनिर्माण क्षेत्र की एक परियोजना मध्य प्रदेश शिफ्ट होने के बाद शिंदे पर जमकर निशाना साधा।
आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र का आर्थिक अलगाव। ऐसा लगता है कि ‘खोके सरकार’ के सत्ता में आने के बाद हमारे राज्य पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। यह परियोजना 22 जून को पूर्व की एमवीए सरकार द्वारा प्रस्तावित की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान उद्योग मंत्री की अक्षमता के कारण राज्य से 5 परियोजनाएं दूसरे राज्यों में शिफ्ट हो गई हैं।
उद्धव के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट, राकांपा और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी महाराष्ट्र से पांचवीं परियोजना के चले जाने के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार की आलोचना की। इनमें प्रियंका चतुर्वेदी और एनसीपी की सुप्रिया सुले सहित अन्य शामिल थीं।
बता दें कि बिजली परियोजना से पहले महाराष्ट्र ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के फॉक्सकॉन-वेदांत, 22,000 करोड़ रुपये के टाटा एयरबस, मेडिकल ड्रग पार्क और बल्क ड्रग्स पार्क जैसी अन्य परियोजनाओं को खो दिया।