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मुंबई

दवा दी, घर भेजा… और चली गई जान, धुले के सरकारी अस्पताल की लापरवाही से युवक की मौत, जनता में उबाल

धुले के भाऊसाहेब हिरे मेडिकल कॉलेज में 20 वर्षीय दीपक मोहिते की मौत अस्पताल की लापरवाही से हुई। इलाज के बजाय दवा देकर घर भेजा गया, कुछ घंटों में युवक की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धुले से पवन मराठे की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 8, 2025 21:38
Doctor Patient dhule medical college ANI
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स- ANI)

धुले के भाऊसाहेब हिरे मेडिकल कॉलेज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक 20 वर्षीय युवक को अस्पताल ने सिर्फ गोलियां थमा कर घर भेज दिया और कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। इस लापरवाही पर अब सवाल उठ रहे हैं, जनता में गुस्सा है और सम्बंधित डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की गई है। 

“ठीक है, घर जाओ” और फिर मौत

मोहाड़ी गांव के दीपक वसंत मोहिते को शनिवार सुबह 10:30 बजे घबराहट की शिकायत के चलते सरकारी भाऊसाहेब हिरे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने उसे जांच के नाम पर सिर्फ दवाइयां देकर वापस भेज दिया। लेकिन दोपहर 2 बजे उसकी हालत बिगड़ गई और उसे पहले निजी अस्पताल ले जाया गया। निज अस्पताल ने इलाज़ के लिए 3 लाख रुपये की मांग की। पैसे देने में असमर्थ घरवालों,  दीपक को फिर से हिरे मेडिकल कॉलेज ले आए, मगर देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचते ही दीपक की मौत हो गई।

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“लापरवाही नहीं तो और क्या?” परिजनों का सवाल

मृतक के परिवार का कहना है, अगर सुबह ही गंभीरता से जांच की जाती, तो दीपक की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन डॉक्टरों ने उसकी परेशानी को समझा ही नहीं। उसे एडमिट करने के बजाय टालमटोल करते रहे। नतीजा,  एक जवान बेटा अपने परिवार को छोड़कर चला गया।

जनता भड़की, अस्पताल में हंगामा

युवक की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया। गुस्साए लोगों की भीड़ अस्पताल पहुंची और डॉक्टरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात इतने बिगड़े कि वरिष्ठ डॉक्टरों और पुलिस को मौके पर आना पड़ा, तब जाकर भीड़ शांत हुई।

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“सब कुछ प्रोटोकॉल के मुताबिक किया”,  अस्पताल प्रशासन की सफाई

मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सर्जन डॉ. अजीत पाठक ने बयान दिया कि सुबह जब दीपक को लाया गया, तब उसकी पूरी जांच की गई थी। ब्लड प्रेशर नॉर्मल था, और मरीज ने सभी सवालों का जवाब सही से दिया। हालांकि, उन्होंने माना कि चूंकि मौत हुई है, इसलिए पोस्टमॉर्टम और विसरा जांच के बाद ही डॉक्टरों पर कोई एक्शन लिया जाएगा।

पुलिस और अस्पताल ने दिए कार्रवाई के आश्वासन, तब जाकर शव लिया कब्जे में

लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने संबंधित डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ही परिजनों ने दीपक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंपा।

एक क्रेन हेल्पर, परिवार का सहारा… अब खत्म

दीपक वसंत मोहिते क्रेन पर हेल्पर का काम करता था और अपने परिवार का मज़बूत सहारा था। उसकी मौत ने न सिर्फ उसके परिवार को झकझोर दिया, बल्कि सरकारी अस्पताल की गैर जिम्मेदार व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।

First published on: Jun 08, 2025 08:44 PM

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