भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) भूषण गवई के प्रोटोकॉल की अनदेखी का मामला दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, BCMG (बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ऐंड गोवा) के बाद अब यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की याचिका एडवोकेट नितिन सातपुते ने दायर की है। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने प्रोटोकॉल के पालन के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस नई गाइडलाइन के अनुसार, CJI राज्य के स्थायी अतिथि होंगे।
Facts:
1. Justice Gavai is the 2nd CJI from dalit community. 1st was KG Balakrishnan---विज्ञापन---2. His father was a famous politician, MP, ex-governor
3. Justice Gavai supports creamy layer exclusion in SC/ST reservation & subclassification in reservation
---विज्ञापन---Congratulations to New CJI.. https://t.co/vdwqSOcr8e pic.twitter.com/ujgXTsnjrn
— Dr. Neha Das (@neha_laldas) May 14, 2025
महाराष्ट्र सरकार की नई गाइडलाइन
महाराष्ट्र सरकार ने चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट को राज्य के स्थाई अतिथि का दर्जा दिया है। इसका मतलब अब जब भी राज्य में CJI आएंगे, उन्हें राज्य अतिथि नियम 2004 के तहत पहले से निर्धारित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। राज्य में उन्हें आवास, वाहन व्यवस्था और सुरक्षा जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
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मामले पर BCMG का प्रस्ताव
मालूम हो कि इस मामले को लेकर BCMG ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे को एक लेटर भेजा था। साथ ही BCMG ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को एक लेटर भेजा था। इसके अलावा काउंसिल ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में BCMG ने कहा कि जस्टिस बीआर गवई द्वारा सीजेआई की शपथ लेने के बाद जब वह पहली बार मुंबई आए, तब एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस कमिश्नर में से किसी का भी मौजूद न होना निंदनीय है।