Aurangzeb Tomb Row: औरंगजेब की कब्र पर छिड़ा विवाद गहराता जा रहा है। अब बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने पुणे में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया और दरख्वास्त की है कि प्रदेश की फडणवीस सरकार छत्रपति संभाजीनगर में मौजूद औरंगजेब की कब्र को हटाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम पहले 17 मार्च को राज्यभर में आंदोलन करेंगे।
उसके बाद भी कब्र को हटाया नहीं गया तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह बाबरी मस्जिद पर कार सेवा करके उसे तोड़ा था, उसी तरह औरंगजेब की कब्र पर कार सेवा करके उसको भी तोड़ देंगे। क्रूर राजा औरंगजेब की कब्र अबू आज़मी जैसे नेता समेत कई लोगों को प्रेरणा देती है, इसलिए इसे हटा देना चाहिए। फडनवीस सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करके सही फैसला लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री फडणवीस से मिलेंगे हिंदू नेता
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री किशोर चव्हाण, बजरंग दल के प्रांत संयोजक नितीन महाजन, सह संयोजक संदेश भेगड़े ने पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें मीडिया से बात करते हुए इन नेताओं ने कहा कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे। उनको एक ज्ञापन सौंपकर औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग करेंगे। अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो बाबरी स्टाइल में कारसेवा करके कब्र को हटा दिया जाएगा। विहिप और बजरंग दल ने 17 मार्च को राज्यव्यापी आंदोलन और चक्का जाम करेंगे। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने मामले में दोनों हिंदूवादी संगठनों का समर्थन किया है।
तारीफ करने पर सस्पेंड हो चुके अबू आजमी
बता दें कि मुंबई की मानखुर्द शिवाजीनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी। इस पर विवाद हुआ और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी हुई। FIR तक दर्ज करा दी गई। विवाद बढ़ता देखकर विधानसभा स्पीकर ने उन्हें पूरे बजट सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान आया तो शिवसेना के दोनों खेमे आपस में टकरा गए।
विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सरकार को भी लगता है कि औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए। कांग्रेस के राज में इस कब्र को पुरातत्व विभाग ASI का संरक्षण मिला। बता दें कि औरंगज़ेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में है। यह इलाका औरंगाबाद शहर से 25 किलोमीटर दूर है, लेकिन अब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग हिंदुत्ववादी संगठन कर रहे हैं।