Chhagan Bhujbal leaving NCP: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल एनसीपी अजित पवार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। छगन भुजबल खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वे मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। इस बीच एमवीए के नेता भी भुजबल को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा मुझे भुजबल के लिए दुख होता है। वे समय-समय पर मेरे संपर्क में बने रहे हैं। कांग्रेस नेता नितिन राउत ने भुजबल को मंत्री नहीं बनाए जाने को अन्याय करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भी अन्याय के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आपको यह विचार करना चाहिए आप किसके साथ और कैसे रहना चाहते हैं?
भुजबल इस समय अपेन गृह जिले नासिक में हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से चर्चा के बाद आज फैसला लेने की बात कही है। इस दौरान उन्होंने अजित पवार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा शरद पवार भी हमसे कुछ मामलों पर चर्चा करते थे। शरद पवार से असहमत होने पर चर्चा होती थी। यहां कोई जानकारी साझा नहीं की जाती है। अंतिम समय तक किसी को कोई जानकारी नहीं होती है। पार्टी में अजित पवार, सुनिल तटकरे और प्रफुल्ल पटेल ही सब कुछ निर्णय करते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं अगर भुजबल पाला बदलते हैं तो अजित पवार की सियासी सेहत पर कितना असर पड़ेगा?
1.अगर अजित पवार पाला बदलते हैं तो यह अजित पवार के लिए एक झटके जैसा होगा। एनसीपी के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव के समय अजित पवार का साथ छोड़कर शरद पवार के साथ जा चुके हैं।
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2.भुजबल ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका अपने क्षेत्र में विशेष प्रभाव है। ऐसे में अगर वे पार्टी को अलविदा कहते हैं तो अजित के लिए बड़ा झटका होगा। निकाय चुनाव से पहले ओबीसी वोट बैंक का शरद पवार के साथ जाना एनसीपी के लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं कहा जा सकता।
3.भुजबल एक प्रभावी नेता हैं, अगर वे बगावत करते हैं तो एनसीपी के कई अन्य विधायक भी सीनियर पवार के साथ जा सकते हैं, जोकि जुनियर पवार के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा। इतना ही नहीं, हो सकता है उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ जाए।
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