Why Residents of Air India Colony Mumbai Protesting : मुंबई के सांताक्रूज के कोलिवेरी गांव में एयर इंडिया कॉलोनी स्थित है। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) यहां स्थित 20 निर्जन और जीर्ण-शीर्ण ढांचों को तोड़ने का काम शुरू कर चुकी है। इसे लेकर यहां के निवासी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
An era comes to an end#AirIndia colony in Kalina, Mumbai demolished today
After 45 years!#AdaniGroup will now develop this area as part of airport land!
pic.twitter.com/sWzahEv38V---विज्ञापन---— Rajiv Kunwar Bajaj (@rkbnow) January 24, 2024
टाटा संस ने साल 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था। इसके करीब एक महीने बाद मार्च 2022 में एमआईएएल ने एयरलाइंस को एक नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे उन जमीनों को खाली करने के लिए कहा गया था जो उनके ऑपरेशंस के लिए अनिवार्य नहीं हैं। बता दें कि इसमें 4 स्टाफ कॉलोनी भी शामिल थीं जिनमें लगभग 1600 परिवार रहा करते थे।
निवासियों ने किया डिमॉलिशन का विरोध
लेकिन तोड़फोड़ के इस कदम का कॉलोनी के निवासियों ने विरोध किया है। डिमॉलिशन के लिए आई टीम के साथ उनकी बहस भी हुई। उन्होंने डिमॉलिशन का काम रोकने की कोशिश भी की। हालांकि, एमआईएएल के प्रवक्ता का कहना है कि यह काम कानून के अनुसार किया गया था। यह कदम एयरपोर्ट की जमीन को पुनर्विकसित करने की योजना का हिस्सा है।
Protests around Demolition of Air India colony at Kalina is reminder why govt companies shouldn't exist.
Taxpayers fund it till eventual bankruptcy.
But employees want it all: almost permanent & cheap housing.
Courts dismiss their case.
Company gives generous sops for relocation.…— Vishal Bhargava (@VishalBhargava5) January 24, 2024
सुप्रीम कोर्ट में 13 फरवरी को होगी सुनवाई
नागरिकों ने जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाया जिसमें 13 फरवरी को सुनवाई तक कोई एक्शन लेने से मना किया गया है, तब डिमॉलिशन का काम रुका। इसे लेकर ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय लजार ने कहा कि यह हमारे जैसे लोगों के लिए दिल तोड़ने वाला लम्हा है जो 50 साल पहले एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस की कॉलोनियों में गए थे।
केस में कॉलोनी निवासियों की क्या दलील
निवासियों का कहना है कि रिटायरमेंट होने तक हम अपने घर नहीं छोड़ेंगे। हम यहां से और कहां जाएंगे? उनका कहना है कि प्राइवेटाइजेशन एयर इंडिया का हुआ था। एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड का निजीकरण नहीं हुआ था। यहां रहने वाले 80 प्रतिशत लोग इन्हीं दो कंपनियों के हैं। ऐसे में हम अपने घर क्यों खाली करें।
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