Mumbai News: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री संजय शिरसाठ और उनके परिवार पर विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले मंत्री के बेटे सिद्धांत शिरसाठ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, हालांकि शिकायत करने वाली महिला ने 24 घंटे के भीतर बयान बदल लिया। इसके बाद विट्स होटल खरीद मामले में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के आरोप सामने आए।अब AIMIM के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने गंभीर खुलासे करते हुए शिरसाठ पर एक नया और बड़ा आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
उन्होंने कहा है कि मंत्री पद का दुरुपयोग कर शिरसाठ ने एमआईडीसी की बहुमूल्य जमीन अपने बेटे के नाम पर ली और वहां शराब फैक्ट्री (डिस्टिलरी) खोलने की योजना बना रहे हैं। इम्तियाज जलील के अनुसार, यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 105 करोड़ 89 लाख का है, जिसे Cameo Distillery Pvt. Ltd. नामक कंपनी के ज़रिए अंजाम दिया जा रहा है। इस कंपनी में संजय शिरसाठ की पत्नी विजया शिरसाठ और बेटा सिद्धांत डायरेक्टर हैं।
ये लगे आरोप
एमआईडीसी शेंद्रा क्षेत्र में लगभग 5 एकड़ (21,275 वर्ग मीटर) की जमीन सिर्फ 6.09 करोड़ में सिद्धांत शिरसाठ को दी गई। यह जमीन पहले ट्रक टर्मिनल के लिए आरक्षित थी, लेकिन इसे ‘डी-रिजर्व’ कर शराब फैक्ट्री के लिए मंजूरी दी गई। इस प्रोजेक्ट में सिद्धांत शिरसाठ 26 करोड़ का निवेश करेंगे, जबकि बाकी 79.42 करोड़ का बैंक लोन लिया जाएगा।
बैंक की भूमिका पर भी उठे सवाल
कंपनी की शुरुआत में भावेन अमीन और एक बड़े बिल्डर को डायरेक्टर बनाया गया, लेकिन जमीन मिलते ही उन्होंने नवंबर 2023 में पद से इस्तीफा दे दिया। अब कंपनी में केवल विजया शिरसाठ और सिद्धांत शिरसाठ ही डायरेक्टर हैं। विजया शिरसाठ ने डायरेक्टर बनने के लिए 2 लाख का भुगतान किया, जबकि उनका पेशा गृहिणी बताया गया है। बावजूद इसके, युको बैंक ने उन्हें 12.56 करोड़ का लोन स्वीकृत किया, जबकि उनकी सालाना आय सिर्फ 25 लाख बताई गई है। जलील ने पूछा है, “क्या अल्कोहल और स्पिरिट फूड प्रॉडक्ट्स की श्रेणी में आते हैं?”
जलील ने की जांच की मांग
इम्तियाज जलील ने यह भी आरोप लगाया कि इस जमीन की खरीद और डी-रिजर्वेशन में एमआईडीसी अधिकारियों की मिलीभगत है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि “मैं इस मामले में एमआईडीसी, सीआईडी, ईडी, आयकर विभाग और मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा। यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि नैतिकता और लोकसेवा की भी गंभीर अवहेलना है।”
पुराने आरोपों का भी किया जिक्र
जलील ने यह भी कहा कि इससे पहले पूर्व पालकमंत्री सुभाष देसाई ने भी चिकलठाणा क्षेत्र में गड़बड़ियां की थीं और उन्होंने भी उस समय चुनौती दी थी, लेकिन अभी तक मानहानि का नोटिस नहीं भेजा गया।“मंत्री संजय शिरसाठ सोच-समझकर बोलें, मेरे पास पूरे दस्तावेजी सबूत हैं। अगर वास्तव में जनता की सेवा करनी है तो उस जमीन पर शराब फैक्ट्री की जगह स्कूल बनवाएं।”