Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के एक साल पूरा होने के 3 दिन बाद यानि 2 जुलाई को एनसीपी नेता अजित पवार ने भी बगावत कर दी। अजित पवार का दावा है कि उनके पास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 53 विधायकों में से 40 का समर्थन है और इसी के आधार पर वे पूरी पार्टी के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हुए हैं। अजित पवार के इस कदम से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) को एक और झटका लगा है। बता दें कि MVA पहले से ही शिवसेना में विभाजन को लेकर कानूनी लड़ाई से जूझ रही है।
24 साल पुरानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार को उनके भतीजे अजित पवार से ही चुनौती मिली है। अजित खुद तो डिप्टी सीएम बने ही हैं, साथ ही अपने साथ लाए 8 अन्य विधायकों को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनवाया है। साथ ही उन्होंने पार्टी पर अपने नियंत्रण का दावा किया है और कहा है कि हम एनसीपी के नाम और सिंबल पर ही आगे विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
अजित पवार ने कहा, “एनसीपी पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गई है। चुनाव लड़ने के लिए हम एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करेंगे… पार्टी हमारे साथ है, अधिकांश विधायक हमारे साथ हैं।”
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अब महा विकास अघाड़ी का संख्याबल क्या है?
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अगले साल चुनाव होने हैं। अजित पवार ने एनसीपी के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा में शरद पवार की पार्टी के 53 विधायक हैं। अब दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित पवार को कम से कम 36 विधायकों की जरूरत है। हालांकि, NCP के पास अभी भी संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत सभी बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए कदम उठाने की शक्ति है।
आंकड़ों के अनुसार, महा विकास अघाड़ी के पास महाराष्ट्र विधानसभा में 121 सीटें थीं, जो अब अजित पवार के 40 विधायकों के समर्थन के दावे के बाद घटकर 81 रह गई है। वहीं, अजित के दावे के साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संख्याबल में वृद्धि हुई है। NDA के पास 165 सीटें थीं, जो बढ़कर 205 हो गई है। बाकी दो सीटें असदुद्दीन औवेसी की AIMIM के पास है।
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चार साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम बने हैं अजित पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पिछले चार वर्षों में उन्होंने तीन बार शपथ ली है। 63 वर्षीय अजित पवार भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस के साथ डिप्टी सीएम पोस्ट शेयर करेंगे। मुंबई के राजभवन में आयोजित समारोह में एनसीपी के आठ नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
इससे पहले नवंबर 2019 में अजीत पवार ने सबसे कम अवधि के लिए उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, क्योंकि भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार मात्र 80 घंटे तक चली थी। इसके बाद जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी तो एक बार फिर अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उद्धव की सरकार नवंबर 2019 से जून 2022 तक सत्ता में थी।
इससे पहले, अजीत पवार ने अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में कांग्रेस-एनसीपी सरकार के 15 साल के कार्यकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया था। कांग्रेस-एनसीपी और एमवीए सरकारों में वित्त विभाग संभालने के अलावा, अजीत पवार ने जल संसाधन और बिजली विभाग भी संभाला है।
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