विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बीते डेढ़ साल से मोर्चा खोलने वाली उमा भारती ने रविवार को भोपाल के कर्फ्यू वाली माता मंदिर और इसके बाहर काली मंदिर में पूजा अर्चना कर शराबबंदी और नशा मुक्ति अभियान के लिए पैदल मार्च निकाला। इस अभियान के लिए उमा भारती ने दिन भी गांधी जयंती का चुना, कुछ महिलाएं उमा भारती के पैदल मार्च में शामिल हुईं लेकिन बीजेपी के बड़े नेता नदारद रहे।
काली मंदिर से नीलम पार्क तक पथ संचलन करने के बाद उमा भारती ने नीलम पार्क में आई महिलाओं को संबोधित किया। इसके बाद उमा भारती ने मिंटो हॉल में गांधी प्रतिमा के सामने 2 मिनट का मौन भी रखा।
डेढ़ साल में उमा भारती ने मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर की बयान दिया था। इसको लेकर उमा भारती कभी गर्म तो कभी नरम तेवर में भी दिखाई दीं। लेकिन हर बार अपनी तय तारीख पर उमा भारती गायब हो जाती रहीं। 7 महीने पहले मार्च में उमा भारती ने भोपाल में एक शराब दुकान पर पत्थर मारकर बोतल को तोड़कर भी गुस्सा जाहिर किया था।
3 महीने पहले उमा भारती ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को 3 पेज का पत्र लिखकर भी अपनी पीड़ा जाहिर की थी जिसे खुद उन्होंने मीडिया में जारी किया था।
अब उमा भारती ने शराबबंदी को नरम पड़ते हुए नशा मुक्ति अभियान का नाम दे दिया है। उमा भारती कह रही हैं कि शराबबंदी के लिए नशा मुक्ति होना जरूरी है। सीएम शिवराज की सरकार उनका सपोर्ट कर रही है। लेकिन देश और मध्यप्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी मेरा लक्ष्य है।
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