पूर्व मध्य प्रदेश सीएम उमा भारती ने 31 जुलाई को मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा साध्वी प्रज्ञा सिंह को बरी किए जाने के बाद उनसे मिलने पहुंची। उमा भारती ने कहा कि 17 साल प्रताड़ना झेलने के बाद अब प्रज्ञा मुक्त हुई है। जिन लोगों ने भगवा आतंकवाद शब्द से हिंदुत्व को बदनाम करने का प्रयास किया। उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए। मैं उम्र में बड़ी हूं, लेकिन प्रज्ञा को मसीहा मानतीं हूं। प्रज्ञा ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है। बचपन से ही प्रज्ञा ने संघर्ष झेला है।
#WATCH | Bhopal, MP | Former MP CM Uma Bharti meets BJP leader Sadhvi Pragya Singh, after the NIA Court acquitted the latter in the Malegaon blast case on July 31. pic.twitter.com/RMWFLqpd7p
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 6, 2025
आज भी प्रज्ञा मुस्कुरा रही हैं- उमा भारती
जेल में जब मिलने गई थी तब भी वो मुस्कुरा रही थी और आज भी प्रज्ञा मुस्कुरा रही है। प्रज्ञा के चेहरे पर उनकी तपस्या का, उनके शौर्य का तेज रहता है। शौर्य की साक्षात दुर्गा की मूर्ति है। मैं साध्वी नहीं हो सकती, जितनी तपस्या प्रज्ञा ने की है। छात्र जीवन में भी उन्होंने काफी स्ट्रगल किया है। अखिल भारतीय परिषद में सन्यासी जीवन में संघर्ष किया। उन्होंने प्रताड़ना के खिलाफ भी संघर्ष किया है।
मालेगांव की घटना करवाई- उमा भारती
भगवा आतंकवाद शब्द करने के लिए मालेगांव की घटना करवाई गई। उनके मुंह से नाम दिलवाने के लिए उनका उत्पीड़न किया गया। समाज, देश को बदनाम करने की पूरी साजिश थी। वहीं, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बताया कि मैं अस्वस्थ थीं तब मुझे एम्स में भी उमा भारती जी देखने आई थी। भगवा का सम्मान करने आई है और हिंदुत्व का सम्मान करने आई हैं। हिंदुत्व के लिए हमेशा संघर्ष किया है। दीदी ने हिंदुत्व के लिए हमेशा जोर से आवाज उठाई, जो साहस उमा भारती जी ने दिखाया उतना कोई पुरुष नहीं दिखा पाया। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि जब भगवा जेल में थी, तो भी दीदी मिलने आई थी।
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