---विज्ञापन---

मध्य प्रदेश

Success Story: पत्थर तोड़े, तेंदूपत्ता बेचा; कसम खाकर बन गए DSP… संतोष पटेल के संघर्ष की कहानी

Success Story of Santosh Patel: कहते हैं दृढ़ इच्छा शक्ति से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। आपने सफलता की कई कहानियां सुनी होंगी। आपको मध्य प्रदेश के होनहार युवा की कहानी बता रहे हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Feb 25, 2025 15:17
Santosh Patel

Success Story of DSP Santosh Patel: गरीबी और विषमताओं के बीच भी संघर्ष करके सफलता हासिल की जा सकती है। एक शख्स के बारे में यहां बात कर रहे हैं, जिनका बचपन गरीबी और संघर्षों में गुजरा। इस शख्स को घर चलाने के लिए अपने पिता के साथ पत्थर तोड़ने पड़े, जंगल से तेंदूपत्तों लाकर इकट्ठे किए। शख्स ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से डीएसपी का पद हासिल कर लिया। जी हां, यहां बात ग्वालियर जिले में तैनात डीएसपी संतोष पटेल की हो रही है।

यह भी पढ़ें:कौन हैं सज्जन कुमार? जिन्हें दो सिखों की हत्या के मामले में सुनाई गई उम्रकैद की सजा

---विज्ञापन---

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार संतोष पटेल मूल रूप से पन्ना जिले के अजयगढ़ इलाके के देवगांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से हुई। माता-पिता मजदूरी करते थे, लेकिन होनहार बेटे ने पढ़ाई-लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। संतोष ने बताया था कि जब परीक्षाएं मार्च में खत्म हो जाती थीं तो नई क्लास के लिए उनके माता-पिता पुरानी किताबें लाया करते थे। पढ़ने के अलावा उनको कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझा था। 12वीं पास करने के बाद बीएससी की पढ़ाई की।

यह भी पढ़ें:गोवा में एक्ट्रेस और उसकी सहेली से अश्लील हरकत, युवतियों की आपबीती सुन दंग रह गई पुलिस; जानें मामला

---विज्ञापन---

कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। डीएसपी पटेल के अनुसार उन दिनों जब भी कोई पार्टी होती तो सभी दोस्त अच्छे कपड़े पहनकर आते थे, लेकिन वे स्कूल ड्रेस में ही चले जाते थे। वे सोचते थे कि ईश्वर ने गरीबी में जन्म दिया है, इसमें उनकी तो गलती नहीं है। गरीबी में मर जाना मेरी असफलता होगी। ग्रेजुएशन के दौरान भोपाल में पढ़ाई के समय पैसे की कमी खली। उन्होंने साथ-साथ मार्केटिंग की जॉब भी की। 3 अगस्त 2015 को लिए एक संकल्प ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी। इसी दिन से उन्होंने MPPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू की।

शादी भी रही थी चर्चा में

उन्होंने कसम खाई कि जब तक लाल बत्ती वाली गाड़ी नहीं मिल जाती, दाढ़ी नहीं बनवाऊंगा। बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर लोग उनका मजाक बनाने लगे थे। कोई उनका मजाक उड़ाता तो संकल्प और मजबूत होता। आखिर में 15 महीने की कड़ी मेहनत के बाद 1 अक्टूबर 2016 को उनका डीएसपी पद के लिए चयन हो गया था। उनकी शादी भी काफी चर्चा में रही थी। बुंदेली परंपरा से उन्होंने 29 नवंबर 2021 को विवाह किया था। शादी के बाद वे देवी पूजन के लिए अपनी दुल्हनिया को साइकिल पर ही बैठाकर ले आए थे।

First published on: Feb 25, 2025 03:13 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें