Madhya Pradeshs doctor strike: मध्य प्रदेश में आयुष विभाग के डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी है। डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मांगें पूरी नहीं होने के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है। यूजी और पीजी के जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि खाली पड़े सरकारी पदों पर नियुक्ति की जाए। वहीं, उनका पेंडिंग स्टाइपेंड भी लौटाया जाए। इसके अलावा कई और मांगें हैं, जो डॉक्टर पूरी करवाना चाहते हैं।
जिसके कारण देर रात अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की गई थी। हड़ताल के कारण मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि हड़ताल का असर प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों में देखने को मिल रहा है। जिसके कारण यहां पर ओपीडी और दूसरी चिकित्सा सुविधाएं ठप हैं। आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा के मरीजों को भी भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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हड़ताल में आयुष विभाग में आने वाले सभी आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी के जूनियर डॉक्टर शामिल हैं, इनकी स्ट्राइक 5 दिन से चल रही है। वहीं, राजधानी भोपाल में ही करीब तीनों विंग्स के 4500 डॉक्टर मांगें पूरी नहीं होने के विरोध में स्ट्राइक कर रहे हैं। आयुष विभाग के प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज हैं, जहां चिकित्सा सुविधाएं ठप हैं। आयुर्वेदिक के 7, यूनानी और होम्योपैथी के 1-1 मेडिकल कॉलेज में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पेंडिंग मांगें, जिसके कारण गुस्से में डॉक्टर
- स्टाइपेंड को बढ़ाया जाए, जितना स्वास्थ्य विभाग और दूसरे राज्यों में मिल रहा है
- नियमों के तहत हर साल स्टाइपेंड को बढ़ाया जाए, जैसा हेल्थ डिपार्टमेंट में होता है
- प्रदेश में नई डिस्पेंसरियां खोली जाएं, इसमें पदों के अनुसार भर्ती की जाए
- जब भी कोई आयुष डॉक्टर बीमार पड़े, उसको मेडिकल लीव दी जाए
- अगर किसी कारण कोई आयुष डॉक्टर ड्यूटी नहीं कर पाए तो स्टाइपेंड से पैसा न काटा जाए