Court Bans Burning Sonam Raghuvanshi Effigy in Dussehra: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर में दशहरे पर सोनम रघुवंशी के पुतले को जलाने पर रोक लगा दी है. अदालत का यह आदेश सोनम रघुवंशी की मां संगीता रघुवंशी द्वारा दायर याचिका के बाद आया. सोनम रघुवंशी पर अपने पति राजा रघुवंशी को हनीमून पर ले कर हत्या का आरोप है. इंदौर के एक सामाजिक संगठन ने सोनम रघुवंशी सहित उन महिलाओं के पुतले जलाने की घोषणा की थी, जो कथित तौर पर अपने पति की हत्या करवाने के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में आई थीं.
सोनम की मां संगीता ने दायर की थी याचिका
जानकारी के अनुसार, सोनम की मां संगीता ने दलील दी है कि उसकी बेटी सोनम पर कोई गुनाह साबित नहीं हुआ है. मामले की सुनवाई शिलांग (मेघालय) की अदालत में चल रही है. सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि “ऐसी प्रथा” लोकतांत्रिक प्रक्रिया में स्वीकार्य नहीं होगी और संगठन को उन महिलाओं के पुतले जलाने पर रोक लगा दी, जो देश के विभिन्न हिस्सों में आपराधिक मामलों का सामना कर रही हैं. सोनम के पति राजा रघुवंशी 23 मई को हनीमून के दौरान लापता हो गए थे और उनका क्षत-विक्षत शव 2 जून को पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा क्षेत्र में खाई में मिला था.
माडर्न कलयुगी शूर्पनखाएं करार दिया था
इंदौर के सामाजिक संगठन पौरुष ने दहशरा के जिए जगह-जगह पोस्टर बनवा कर चिपकाए थे. पोस्टर में सोनम समेत अपराध की वारदातों में शामिल 11 महिलाओं को माडर्न कलयुगी शूर्पनखाएं करार दिया था. जगह-जगह लगाए गए पोस्टर में महिलाओं को तस्वीरों के साथ दिखाया गया. साथ ही यह भी बताया गया था कि दहशरा पर इन महिलाओं के पुतलों को जलाया गया था. इस पोस्टर के खिलाफ सोनम रघुवंशी की मां संगीता ने ऐतराज जताते हुए मध्यप्रदेश कोर्ट का रुख किया था. सोनम रघुवंशी के अलावा संगठन 10 अन्य महिलाओं के पुतले जलाने के लिए तैयार था, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने पतियों की हत्या में शामिल थीं. इनमें से पांच महिलाएं उत्तर प्रदेश से हैं और दो अन्य मध्य प्रदेश से हैं.