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मध्य प्रदेश

सोनम रघुवंशी हनीमून केस में बड़ा खुलासा, ड्रग्स लेते थे सोनम-राज! विपिन बोला-थर्ड डिग्री पूछताछ हो

sonam Raghuvanshi honeymoon case latest update: चर्चित सोनम रघुवंशी हनीमून केस में हर दिन नए मोड़ सामने आ रहे हैं। अब इस हाई-प्रोफाइल केस में राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आरोपी राज और सोनम ड्रग्स लेते थे और हत्या की साजिश के पीछे नशे की लत भी एक प्रमुख कारण हो सकती है। विपिन ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग की है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Vijay Jain Updated: Jun 28, 2025 09:18
Sonam Raghuwanshi
विपिन ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग की है। (फोटो सोर्स- ANI)

Sonam Raghuvanshi honeymoon case latest update: राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी के नए आरोपों के बाद इस केस ने एक नया मोड़ ले लिया है। विपिन रघुवंशी ने कहा कि आरोपी राज और सोनम ड्रग्स लेते थे,पुलिस को इस मामले में उनसे सख्ती के साथ पूछताछ करनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग रखी कि गिरफ्तार आरोपियों से थर्ड डिग्री पूछताछ की जाए ताकि सच को सामने लाया जा सके। जब तक आरोपियों का नार्को टेस्ट नहीं होता, तब तक सच्चाई सामने आना मुश्किल है। ये लोग कोर्ट में अपने बयान बदल रहे हैं, इससे जाहिर होता है कि वे कुछ छुपा रहे हैं।

आरोपियों के बयान में निरंतर बदलाव

हत्याकांड से जुड़े अब तक के घटनाक्रमों में यह बात सामने आई है कि पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, लेकिन उनके बयानों में निरंतर बदलाव आने से जांच की दिशा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विपिन का मानना है कि आरोपी राज और सोनम के बीच गहरे संबंध थे और दोनों ने मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। उन्होंने आशंका जताई कि यह मामला नशे, ईर्ष्या और निजी रंजिश से जुड़ा हो सकता है। गौरतलब है कि बीते दिन मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब हत्या के आरोप में गिरफ्तार दो आरोपियों आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी ने अदालत में अपने पूर्व कबूलनामे से मुकरते हुए मजिस्ट्रेट के सामने चुप्पी साध ली। हालांकि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात कही।

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हत्या के पीछे की मंशा साफ नहीं

पुलिस ने इस केस में सबूत मिटाने के आरोप में इंदौर से तीन और आरोपियों लोकेंद्र सिंह तोमर, सिलोम जेम्स और बल्लू अहिरवार को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि राजा रघुवंशी की हत्या ने पूरे इंदौर में सनसनी फैला दी थी। वह समाज में सक्रिय और लोकप्रिय व्यक्ति थे। हत्या के पीछे की मंशा को लेकर पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि वे मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं और जल्द ही सच्चाई को सामने लाया जाएगा। अब विपिन रघुवंशी ने स्पष्ट कहा कि यदि नार्को टेस्ट होता है तो यह मामला पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकीं नजरें

वहीं, शहर में आम लोगों और सामाजिक संगठनों द्वारा भी निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है। फिलहाल सभी की निगाहें पुलिस की अगली कार्रवाई और कोर्ट में आने वाले आगामी सुनवाई पर टिकी हैं। क्या वाकई ड्रग्स की लत और निजी रंजिश इस सनसनीखेज हत्या का कारण बनी? क्या नार्को टेस्ट से राज खुलेंगे? ये सवाल आने वाले दिनों में जांच और न्याय प्रक्रिया के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगे।

क्या है मेघालय का हनीमून केस

इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम के साथ 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय आए थे। 23 मई को कपल लापता हो गया और 2 जून को राजा रघुवंशी का शव एक गहरी खाई में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। पुलिस जांच में सामने आया कि इस जघन्य अपराध की साजिश राजा की पत्नी सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने मिलकर रची थी। आरोप है कि सोनम ने अपने पति की हत्या के लिए 20 लाख रुपये की सुपारी दी थी। साजिश में शामिल विशाल सिंह चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी ने सोनम की मौजूदगी में राजा को चाकुओं से गोदा और शव को खाई में फेंक दिया।

मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें सोनम और राज के अलावा तीन सुपारी किलर्स और तीन सबूत मिटाने के आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने इंदौर में कई स्थानों पर छापे मारे और एक देसी पिस्तौल, दो मैगजीन और जिंदा कारतूस बरामद किए। पुलिस अब DNA रिपोर्ट, कॉल रिकॉर्ड, GPS डेटा और अन्य तकनीकी प्रमाणों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। राजा रघुवंशी के परिजनों ने सोनम और राज पर नार्को टेस्ट की मांग की थी, लेकिन मेघालय पुलिस ने इसे अस्वीकार कर दिया। पुलिस अधीक्षक विवेक सियेम ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नार्को टेस्ट अनिवार्य नहीं है और जब पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हों, तब इसकी आवश्यकता नहीं होती।

First published on: Jun 28, 2025 09:18 AM

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