MP News: इंद्रपाल सिंह। मध्य प्रदेश में गंभीर मरीजों के साथ ही प्रसूताओं को तत्काल अस्पताल पहुंचने के लिये 108 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कई जिलों में इस सुविधा में लापरवाही भी बरती जा रही है। नर्मदापुरम जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है।
एंबुलेंस में नहीं है जरूरी उपकरण
भले ही नर्मदापुरम जिले में एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल लाने और उन्हें घर छोड़ने के लिये सड़कों पर 24 घंटे दौड़ रही हैं। लेकिन एंबुलेंस के अंदर की हकीकत यह है कि जो जरूरी उपकरण एंबुलेंस में रहना चाहिये वह दिखाई नहीं दे रहे हैं। सबसे बड़ी लापरवाही 108 एंबुलेंस जननी एक्सप्रेस में देखने को मिली। जहां डिलेवरी के समय उपयोग होने वाली किट ही नहीं है, जबकि अग्निशामक यंत्र भी एक्सपायर हो चुके है। इतनी गंभीर लापरवाही होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा।
डिलीवरी किट भी नहीं मिली
जब इसकी पड़ताल के लिए जिला अस्पताल की 108 जननी एक्सप्रेस के चालक से डिलीवरी किट के बारे में पूछा तो उसने अपनी लापरवाही को छुपाते हुए कहा कि 2 दिनों से गाड़ी में किट नहीं है, वही दूसरे उपकरण अग्निशामक यंत्र के रूप में एंबुलेंस में लगाया जाता है, लेकिन 2021 में अग्निशामक यंत्र एक्सपायर हो गया है। ऐसे में जिनके पास 108 एंबुलेंस के संचालन का जिम्मा है वह कहीं ना कहीं मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए नजर आ रहे हैं।
जब इस संबंध में हमने जिला स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि बीएमओ द्वारा समय समय पर एंबुलेंस की जांच की जाती है। इस दौरान कोई कमी मिलती है तो वरिष्ठ कार्यालय में पत्रचार किया जाता है। उनके द्वारा ही कमी पाये जाने पर कार्रवाई की जाती है। यदि एंबुलेंस में कमी है तो उसके लिए भी हम फॉर्मेट भरकर भेजेंगे और कमियों को पूरा करेंगे। अधिकारी कुछ भी कहे, लेकिन इस तरह की लापरवाही बड़ी भी साबित हो सकती है।