MP News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार महीने पहले सरपंच के साथ चुने गए सभी जनप्रतिनिधियों का भोपाल के जम्बूरी मैदान पर बड़ी सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें मुख्यमंत्री ने सरपंचों के लिए बड़ी घोषणा की है, सीएम ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया है।
सरपंचों का वेतन बढ़ाया गया
मुख्यमंत्री ने सरपंचों का वेतन बढ़ाने का ऐलान किया है, बता दें कि पहले सरपंचों को 1750 रुपय दिए जाते थे, लेकिन अब उनका वेतन डबल कर दिया गया है, अब सरपंचों को महीने में 4250 रुपए का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों में सरपंचों के वित्तीय अधिकार भी बढ़ाने का फैसला किया है। अब सरपंच ग्राम पंचायत में 25 हजार रुपए तक की प्रशासकीय स्वीकृति दे सकेंगे, यानि सरपंच अपनी मद से 25 हजार रुपए तक के विकास कार्य स्वीकृत कर सकेंगे, इसके लिए उन्हें किसी की परमीसन लेने की जरूरत नहीं होगी।
सरपंचों को मिलेगा प्रशिक्षण
सीएम शिवराज ने पंचायत सम्मेलन में सरपंचों से ग्रामीण विकास में योगदान करने की अपील की है, सीएम ने कहा कि रूरल डेवलपमेंट यानी पंचायत के विकास की प्लानिंग को लेकर सभी सरपंचों को पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो सरपंचों के साथ-साथ सभी जनप्रितिनिधियों को बतौर मास्टर ट्रेनर गांवों के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से ग्रामीण विकास के लिए जो योजानाएं चलाई जा रही हैं, उनकी प्लानिंग और क्रियान्वयन का काम भी सरपंचों को सिखाया जाएगा, ताकि सरपंच इन योजनाओं का ठीक से ग्राम पंचायत में काम करवा सके।
23 हजार सरपंच राजधानी में जुटे
बता दें की राजधानी भोपाल में आयोजित हुए सरपंच सम्मेलन में प्रदेश के 23 हजार से ज्यादा सरपंच जुटे, मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि आप सभी मेरा आंख और कान बन जाइए, फिर हम मिलकर मध्य प्रदेश को संवारने का काम करेंगे। सीएम ने कहा आप चुने हुए सरपंच हैं किसी ने आपको वोट नहीं दिया हो कुछ पंचायतें निर्विरोध चुनी गई, मैं समरस पंचायतों को बधाई देता हूं. पंचायत में जिसने वोट नहीं दिया लेकिन चुने जाने के बाद आपके मन में ये भाव नहीं रहना चाहिए कि इसने वोट नहीं दिया, इसे देख लेंगे. बड़ी दृष्टि रखें, जिन्होंने वोट नहीं दिया उनका भी दिल जीत लो और मन में कटुता का भाव न रखें। सभी लोगों से मिले और सबका काम करें।
बता दें कि मध्य प्रदेश में आज से चार महीने पहले सरपंचों के चुनाव हुए थे, जिसके बाद पहली बार भोपाल में सरपंचों का सम्मेलन आयोजित किया गया।