MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश की भारी ठंड में भी बीजेपी और कांग्रेस का सियासी तापमान बढ़ गया है, इस बार सियासी गर्मी की वजह है कांग्रेस द्वारा लिखी गई एक किताब जिसमें RSS और हिंदू महासभा को स्वतंत्रता आंदोलन का विरोधी बताया गया है। कांग्रेस और राष्ट्र निर्माण की गाथा नाम से लिखी गई इस किताब को कमलनाथ के मीडिया सलाहकार ने लिखा है जिसे बाल कांग्रेस और प्रदेश में बांटा जा रहा है। वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है।
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कमलनाथ के मीडिया सलाहकार ने लिखी किताब
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं, यानि अभी चुनाव में 10 महीने बाकी हैं, लेकिन कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेल रही है, कमलनाथ के मीडिया सलाहकार ने कांग्रेस के आजादी के योगदान को लेकर एक किताब लिखी है जिसमें RSS हिंदू महासभा और हेडगेवार को लेकर विवादित कंटेंट का भी इस्तेमाल किया है। यह किताब कांग्रेस अब बाल कांग्रेस के साथ-साथ प्रदेश के तमाम हिस्सों में पहुंचा रही है बताने की कोशिश कर रही है भाजपा जिस पार्टी का अनुषांगिक संगठन है उसका आजादी में कोई योगदान नहीं।
जानिए क्या लिखा है किताब में
इस किताब में लिखा गया है कि ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक तरफ अगर कांग्रेस, क्रांतिकारी आंदोलन और आजाद हिंद फौज जैसी राष्ट्रवादी सकारात्मक शक्तियां काम कर रही थीं, कुछ संगठन ऐसे थे, जिनकी भूमिका नकारात्मक बनी रही। इन संगठनों में मुस्लिम लीग और हिंदू दक्षिणपंथी संगठन प्रमुख रहे। मुस्लिम लीग के प्रमुख नेता मोहम्मद अली जिन्ना थे। जिनकी मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग ने भारत का विभाजन कराया और पाकिस्तान अस्तित्व में आया मुस्लिम लीग ने कभी अंग्रेजों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया, बल्कि समय समय पर अंग्रेजों की तारीफ की। भारत के विभाजन के बाद मुस्लिम लीग का भारत में कोई असर नहीं बचा।’
‘RSS और हिंदू महासभा को स्वतंत्रता आंदोलन का इसी तरह का व्यवहार हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों का रहा। इनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और हिंदू महासभा का नाम लिया जा सकता है। इन्हीं दोनों संगठनों के संयोग से पहले जन संघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ। आज कल भाजपा खुद को राष्ट्रवादी पार्टी कहती है, जबकि सच्चाई यह है कि, जब आजादी की लड़ाई में राष्ट्रवाद दिखाने का सही समय था, तब इसके पूर्ववर्ती संगठन खामोश थे या आजादी की लड़ाई का विरोध कर रहे थे। आरएसएस की स्थापना 1925 में दहशरे के दिन डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी। लेकिन आरएसएस अब तक एक भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका जिससे पता चले कि, 1925 से लेकर 15 अगस्त 1947 तक उसने आजादी की लड़ाई में किसी तरह की भागीदारी की। आरएसएस डॉ हेडगेवार की गिरफ्तारी का जो साक्ष्य देती है, वह 1920 के असहयोग आंदोलन का है’
विश्वास सारंग ने किया पलटवार
जाहिर है जब सवाल RSS, हिंदू महासभा पर खड़े किए गए हो तो भाजपा का सामने आना लाजमी था, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला सामने आए और उन्होंने ट्वीट कर लिखा कांग्रेस परिवार के अलावा सभी फ्रीडम फाइटर्स का अपमान करती है। जबकि इस किताब पर शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने भी पलटवार किया, उन्होंने ‘कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गलत इतिहास पढ़ाना और नेहरू परिवार का महिमामंडन करना कांग्रेस की आदत रही है। कांग्रेस ने हमेशा देश के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। केवल नेहरू परिवार का महिमामंडन हो, यही कांग्रेस की रीति-नीति रही है। मंत्री सारंग ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में राष्ट्रभक्त वीर सावरकर का अपमान किया। यह प्रथा जवाहर लाल नेहरू के समय से चली आ रही है, नेहरू परिवार ने हमेशा राष्ट्रभक्तों को नीचा दिखाया है। उन्होंने कहा कि नेहरू ने संविधान निर्माता डॉ. बी आर आंबेडकर को चुनाव हराने का षड्यंत्र रचा. गलत इतिहास पढ़ाना कांग्रेस की आदत है।’
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है, शर्मा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही शहीदों का और महापुरुषों का अपमान करती आई हैं। गांधी नेहरू परिवार के महिमामंडन में कांग्रेस अंधी हो चुकी है। जिससे यह मामला गर्माता नजर आ रहा है।
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कांग्रेस ने रखा अपना पक्ष
वहीं इस किताब के लेखक और कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले खुद सामने आए और उन्होंने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘किताब में देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों का जिक्र है, इसलिए बीजेपी के पेट मे दर्द हो रहा है। सावरकर और जिन्ना के बारे में पीयूष ने बताया कि उन्होंने यह अंश संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की किताब से लिया है ऐसे में बीजेपी नेताओं को अपने झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए।’ बता दें कि मध्य प्रदेश में यह चुनावी साल है, ऐसे में प्रदेश में जमकर सियासी तीर चलने की उम्मीद है।
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