MP Election Result 2023: एमपी में भाजपा तीन चौथाई बहुमत की ओर बढ़ रही है। या यूं कहें कि एमपी की जनता ने भाजपा को भरपूर प्यार देते हुए जीत उनकी झोली में डाल दी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एमपी में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा? चुनावों में शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह मेहनत की उससे लगता नहीं है कि पार्टी उन्हें किनारे लगाएगी। इतना ही नहीं चुनावी रैलियों में जहां-जहां पीएम मोदी के साथ सीएम शिवराज ने मंच साझा किया था वहां पीएम भी शिवराज के नाम पर हामी भरते नजर आए। हालांकि भाजपा ने यहां कर्नाटक माॅडल को दरकिनार कर पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। कई विश्लेषक यह मान रहे हैं कि भाजपा ने सीएम शिवराज को सीएम फेस इसलिए नहीं बनाया ताकि एंटी इंकबेंसी को खत्म किया जा सकें। हालांकि यहां शिवराज पार्टी के सीएम फेस नहीं थे लेकिन प्रचार अभियान की पूरी बागडोर उनके हाथ में थी।
कर्नाटक माॅडल इसलिए हुए फेल
भाजपा कर्नाटक माॅडल को एमपी में लागू करने से डर रही थी। इसका कारण था कि भाजपा ने बसवराज को कर्नाटक में सीएम फेस बनाया था लेकिन पार्टी को वहां हार का सामना करना पड़ा। इसका कारण सरकार के मंत्रियों का भ्रष्टाचार में डूबा होना था। कांग्रेस ने भाजपा के भ्रष्टाचार को चुनाव में मुद्दा बनाया और भारी बहुमत के साथ राज्य की सत्ता में वापसी की। लेकिन एमपी में भाजपा सरकार के खिलाफ ऐसी कोई लहर नहीं थी। वहीं कांग्रेस का प्रचार अभियान भी भाजपा की तुलना में फीका था।
पार्टी ने चुनाव से पहले शिवराज को सीएम फेस घोषित नहीं किया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर शिवराज सीएम नहीं बनते हैं तो पार्टी वहां किसे सीएम बना सकती है? ऐसे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे उपर चल रहा है। इस सब के बीच पार्टी किसी अननोन चेहरे को भी सीएम बना सकती है।
नतीजों से मजबूत हुआ शिवराज का पक्ष
सीएम शिवराज की लोकप्रियता को देखते हुए लग रहा है कि पार्टी उनके सिर पर सेहरा बांधेगी। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पार्टी उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव तक सीएम बना सकती है। इसके बाद उन्हें केंद्र की राजनीति के तैयार कर सकती है। फिलहाल यह सब तो भविष्य के गर्भ में छिपा है।