Controversy Over AI Generated Reel Of Raja Bhoj and Rani Kamalapati: राजाभोज की नगरी कहलाने वाले भोपाल में राजाभोज गोंड वंश की रानी कमलापति को लेकर एआई जेनरेटेड रील पर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों की आपत्ति के बाद मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने डीजीपी को रील्स बनाने वालों की जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि महापुरुष जिन्हें हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं और उनकी इस तरह अनर्गल रील बनाना कानून और मान्यताओं के खिलाफ है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
राजा भोज व रानी कमलापति भोपालवासियों की गौरवमयी शान हैं…
---विज्ञापन---AI के माध्यम से राजा भोज व रानी कमलापति की प्रतिमा की वायरल रील मामले पर मैंने डीजी पुलिस को तत्काल दोषियों की जांच कर सख्त़ कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं।
हमारे वो महापुरूष जिन्हें हम पूजते हैं उनके लिए इस तरह के… pic.twitter.com/djbXXFhZed
---विज्ञापन---— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) February 21, 2025
रील में दोनों का किया गया अपमान
दरअसल, भोपाल के बड़े तालाब के किनारे राजा भोज की मूर्ति लगी हुई है और छोटे तालाब पर बने रानी कमलापति घाट पर रानी कमलापति की मूर्ति लगी है, लेकिन राजा भोज और रानी कमलापति की मूर्ति को AI से एडिट कर अपमानजनक रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई हैं।
इन वायरल रील में राजा भोज को मछली पकड़ते हुए और रानी कमलापति को मजाकिया लहजे में दिखाया गया है। जिस पर हिंदू संगठन संस्कृति बचाओ मंच ने आपत्ति जताते हुए रील्स शेयर करने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो को वायरल करने वाले पर FIR की मांग
भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने बताया कि राजा भोज भारतीय इतिहास के महान शासकों में एक थे, जिन्होंने मध्यकालीन भारत में कला, विज्ञान और संस्कृति को बढ़ावा दिया। उनकी नीतियों और कार्यों ने भारतीय समाज पर गहरा असर डाला है। इसी तरह रानी कमलापति का योगदान मध्य भारत की संस्कृति में अनमोल है। उनके योगदान का अपमान करने के बजाय उनका सम्मान किया जाना चाहिए था। इस तरह के वीडियो न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अपमान करते हैं, बल्कि यह युवाओं में गलत संदेश भी फैलाते हैं। उन्होंने भोपाल पुलिस और प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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