MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार बीजेपी कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी पूरा जोर लगाते नजर आ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी भी मध्य प्रदेश में लगातार चुनाव लड़ती रही है। लेकिन पार्टी का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस बार भी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
यूपी से सटे जिलों पर फोकस
बसपा ने उत्तर प्रदेश से सटे मध्य प्रदेश के सभी जिलों पर अपना फोकस बना रखा है। क्योंकि पार्टी को अब तक इन जिलों की सीटों पर सफलता भी मिलती रही है। ऐसे में पार्टी ने विंध्य, बुंदेलखंड, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र पर पूरा फोकस बना रखा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटें मिली थी। जिसमें एक सीट ग्वालियर-चंबल और एक सीट बुंदेलखंड अंचल से मिली थी।
रीवा में बड़ा सम्मेलन
विंध्य अंचल में पार्टी का अच्छा खासा जनाधार है। ऐसे में रीवा में एक बड़े कार्यकर्ता सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है। इसके बाद 26 जून को मुरैना में भी बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। जिसमें बसपा के प्रदेश प्रभारी और राज्य सभा सदस्य रामजी गौतम भी शामिल होंगे।
एमपी में चल रही बहुजन राज यात्रा
इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश में ‘बहुजन राज यात्रा’ भी निकाल रही है। यह यात्रा अप्रैल से चल रही है। जिसका जुलाई में भोपाल में समापन किया जाएगा। इस आयोजन में बीएसपी के बड़े नेता शामिल होंगे। बता दें कि बसपा को भले ही प्रदेश में सीटें ज्यादा नहीं मिलती। लेकिन पार्टी का प्रदेश में अच्छा खासा जनाधार है।
2018 में मिली थी दो सीटें
बसपा को 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो सीटें मिली थी। पार्टी को भिंड और दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट पर जीत मिली थी। खास बात यह है कि सरकार बनाने में बसपा के दोनों विधायकों को रोल भी अहम रहा था। इसके अलावा 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 4 सीटें मिली थी। जबकि बसपा के वोट बैंक में उतार-चढ़ाव बना रहता है। लेकिन इस बार पार्टी पूरी ताकत लगाती नजर आ रही है।