MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में चुनावी साल में सियासी उठापठक जारी है। बुंदेलखंड अंचल में भी कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। दमोह जिले के जिला पंचायत की उपाध्यक्ष कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थकों ने भी कांग्रेस का दामन थामा है। इन सभी को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है।
दमोह जिले के बदलेंगे समीकरण
दरअसल, दमोह जिला पंचायत उपाध्यक्ष मंजू कटारे के पति धर्मेंद्र कटारे विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर सकते हैं। उनका कहना है कि वह कमलनाथ की विचारधारा से प्रभावित होकर कांग्रेस पार्टी में आए हैं। आने वाले चुनाव में हम उनके साथ मिलकर काम करेंगे। अगर पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का आदेश देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि दमोह में इससे पहले भी कई नेता कांग्रेस का दामना थाम सकते हैं। कांग्रेस जिले में जातिगत समीकरणों को भी साधने में जुटी है। अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष के कांग्रेस में आने से दमोह में कांग्रेस को चारों सीटों पर फायदा होने की उम्मीद है। क्योंकि धर्मेंद्र कटारे के साथ बटियागढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष, पांच जनपद सदस्य और कई सरपंच भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
दमोह विधायक ने निभाई अहम भूमिका
इन सभी नेताओं को कांग्रेस में लाने में दमोह विधायक अजय टंडन ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने दावा किया है कि इस बार जिले की चारों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिलेगी। कमलनाथ के सर्वे के आधार पर ही सभी को टिकट मिलेंगे।
जिले के सियासी समीकरण
दमोह जिले में विधानसभा की चार सीटें आती हैं। जिनमें दमोह, पथरिया, जबेरा और हटा शामिल है। 2018 के विधानसभा चुनावों में जबेरा और हटा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी। जबकि दमोह सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। पथरिया सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की थी।